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GONDA:समाजसेविका रुचि मोदी के ट्वीट के बाद समुचित धाराओं में हुई कार्यवाही





दुर्गा सिंह पटेल
गोंड़ा।प्रदेश मे योगी सरकार बनते ही सबसे पहले एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया गया था ताकि छात्राएं सुरक्षित रहे सके लेकिन इसी रोमियो स्क्वॉड पर तब बड़ा सवाल खड़ा हो गया जब एक बीए प्रथम वर्ष की छात्रा ने शोहदों की छेड़छाड़ से तंग आकर जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। जबकि एक दिन पहले ही पीड़िता के परिजनों ने छपिया थाने मे शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करना तो दूर आरोपियों को थाने बुलाकर पूछताछ तक करने की जहमत नहीं उठाई।

केस 1: छपिया थाना क्षेत्र के एक गांव में शोहदे से परेशान एक 19 वर्षीय छात्रा ने जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी । सुमन पुत्र 19 वर्ष ने शुक्रवार को जहरीला पदार्थ खा लिया। उसे उपचार के लिये मसकनवा लाया। हालत गंभीर होने पर जिला चिकित्सालय अयोध्या ले जाया गया। शनिवार को उसकी पुत्री की मौत हो गई ।मृतका के पिता शिवनाथ ने बताया की विकास प्रजापति पुत्र तिलकराम निवासी ग्राम उकरहा पोस्ट कछिया थाना गौर जनपद बस्ती काफी दिनों से उसकी पुत्री की फोटो और अशोभनीय कमेंट फेसबुक के माध्यम से वायरल कर रहा था। जिसकी शिकायत शुक्रवार को छपिया थाने पर दी लेकिन पुलिस ने सुध नही ली और शनिवार को परिजनों ने छात्रा के मौत जानकारी छपिया पुलिस को दी तब जाकर पुलिस ने मामला दर्ज किया।यदि पीड़ित के तहरीर पर पुलिस ने गंभीरता से ले लिया होता तो छात्रा की जान बच जाती लेकिन पुलिस के ऐसे उदासीनता पर पुलिस के कार्यो पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है।

वही समाजसेविका रुचि मोदी के मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट कर जिम्मेदारो के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की मांग की तब जाकर पुलिस हरकत में आई और तब जाकर समुचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
समाजसेविका रुचि मोदी ने बताया की महिलाओं के साथ जो भी घटनाएं घट रही उसका निपटारा त्वरित गति से होना चाहिये, क्योंकि जब दोषियों को सजा मिलने की दर में बढोत्तरी होगी तभी कानून सही ढंग से असरकारी हो पायेंगे।

केस2:छपिया क्षेत्र के एक गॉव में तीन माह पूर्व एक छात्रा ने शोहदे के छेड़छाड़ से परेशान होकर जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी थी। तब भी छपिया पुलिस को मामले की जानकारी छात्रा के मौत के पहले दी गयी थी तब भी मामले को पुलिस टरकाती रही। उस समय न तो मुकदमा दर्ज किये और न ही आरोपी तलाश किये थे।मौत के बाद परिजनो के एक्शन में आने के बाद तब जाकर मुकदमा दर्ज हुआ था।
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