जनपद बलरामपुर में गत कई दिनों से हो रहे रुक-रुक कर बरसात से एक और जहां किसानों को खरीफ की फसल विशेषकर धान की रोपाई करने में सहायता मिल रहा है, वहीं तराई क्षेत्र के पहाड़ी नालों में उफान आने से कई गांव में पानी घुस चुका है। तराई क्षेत्र के कई गांव पर बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है। इसी बीच राप्ती नदी का जलस्तर भी चेतावनी बिंदु को पार कर 19 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच चुका है । आशंका जताई जा रही है कि यदि बरसात जारी रही और राप्ती का जल स्तर लगातार बढ़ता रहा तो निश्चित रूप से सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस सकता है। जिला प्रशासन बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क हो चुका है।
जानकारी के अनुसार जिले का अधिकांश तराई क्षेत्र साजन ओ पहाड़ी नालों से घिरा हुआ है पहाड़ों पर थोड़ा खबर दांत होते हैं इन नालों में उफान आ जाता है पहाड़ी नालों में पानी इतनी तीव्र गति से आता है कि लोगों को समझने तथा बचाव करने का मौका भी नहीं मिलता है लगातार कई दिनों से हो रही बारिश के कारण क्षेत्र के सभी पहाड़ी नालों में उफान आ चुका है तराई क्षेत्र के कई सड़कों पर बने दीपों पर भीम पानी भर गया है जिसके कारण आवागमन भी बाधित हो चुका है गैलेक्सी प्रमुख नदी राप्ती का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है । अपराहन 3:00 बजे तक राप्ती का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 19 सेंटीमीटर ऊपर 103.810 मीटर तक पहुंच चुका था। राप्ती नदी से उत्पन्न होने वाले बाढ़ के खतरे को भांपते हुए जिला प्रशासअरुण कुमार शुक्ला ने बताया कि जनपद में 31 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है तथा 18 बाढ़ राहत केंद्र भी बना दिए गए । सभी संबंधित कर्मचारियों तथा अधिकारियों को कोन ने पूरी तैयारी पूर्ण कर ली है । अपर जिला अधिकारी बाढ़ की हर गतिविधि पर नजर बनाए रखने के लिए निर्देशित कर दिया गया एवं राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ की टीम को भी बुला लिया गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है बाढ़ की फिलहाल खतरा अभी नहीं है। फिर भी जिला प्रशासन अपने तरफ से पूरी तैयारी कर चुका है ।
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