अखिलेश्वर तिवारी/अजीत श्रीवास्तव
जनपद बलरामपुर के तहसील तुलसीपुर क्षेत्र में एक बहुत ही प्राचीन तथा अद्भुत शिवालय स्थापित है, जहां पर स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है । यह मंदिर हजारों लाखों शिव भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। शिव से जुड़े प्रमुख पर्वों तथा सावन मास में इस मंदिर पर विशेष आयोजन होते हैं । जलाभिषेक करने के लिए यहां पर श्रद्धालुओं की खासी भीड़ भी जुड़ती है। हालांकि इस समय कोरोना के कारण अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिसके कारण लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं।
तुलसीपुर तहसील के पचपेड़वा के निकट स्थित शिवगढ़ मंदिर आसपास के क्षेत्रों में बहुत प्रसिद्ध माना जाता है। यहां हर साल सावन के माह में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और दर्शन करते हैं। हमारे संवाददाता जब मंदिर पर पहुंचे तो वर्तमान समय की महामारी को देखते हुए प्रशासन द्वारा उचित दूरी एवं मास्क का अक्षरशः पालन कराया जा रहा था । प्रभारी निरीक्षक राज कुमार सरोज ने हमारे संवादाता से बात की और बताया कि लोगों को मुंह ढक कर एवं उचित दूरी बनाए रखने के लिए बार-बार प्रेरित कर रहे ।
मंदिर के अंदर एक वक्त में सिर्फ 1 लोगों को ही जाने दिया जा रहा है। संवाददाता मंदिर के एक कर्मचारी से मिले और बात की तो उसने बताया कि यह मंदिर बहुत पुराना है। एक समय में या किसी किसान का खेत हुआ करता था। खेत में काम करते वक्त किसान के फावड़े से इस शिवलिंग पर प्रहार होने से खेत में रक्त की धारा बहने लगी थी, जिसको देखकर किसान बेहोश हो गया। जब आसपास के लोग काफी समय बाद देखे तो पता चला कि किसान शायद जख्मी हो गया है परंतु उसको जब बाहर लाया गया तो उसके शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई जख्म नहीं था, बल्कि शिवलिंग से लगातार रक्त बह रहा था । यह देख कर सभी अचरज में पड़ गए । किसान जब होश में आया तो लोगों को बताया कि भगवान शिव ने यहां एक मंदिर बनाने की बात कही है । इस महत्ता को लेकर शिवगढ़ भगवान शिव की नगरी भी कही जाती है । शिवगढ़ धाम नाम से प्रसिद्ध इस स्थान पर पहुंचकर श्रद्धालु अपने दुखों के निवारण के लिए भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना करते हैं।
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