ब्यूरो चीफ, सद्दाम हुसैन
बिहार: सुपौल जिला के पिपरा थाना क्षेत्र अंतर्गत सरकारी अस्पताल के उप-स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत हो गई। सूत्रों के हवाले से पता चला है, कि स्वास्थ विभाग में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, कि मरीज के परिजनों के द्वारा एक घंटे तक इलाज के लिये डॉक्टर का इंतजार करता रहा, मगर जब डॉक्टर नहीं आये तो आखिरकार मरीज की मौत हो गई। बताते चलें कि डॉक्टरों की लापरवाही से नाराज परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। मामला विस्तार से बताते चलें कि सुपौल जिला के पिपरा थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि की पत्नी सविता देवी की अचानक बहुत ज्यादा तबीयत खराब हो गया। परिजनों के द्वारा आनन-फानन में सरकारी अस्पताल पिपरा ले जाया गया लेकिन मामला तब गड़बड़ा गया जब परिजन द्वारा अस्पताल के डॉक्टरों का बार-बार चक्कर लगाया जाता रहा, लेकिन डॉक्टर साहब तो बड़े साहब क्या किसी का मजाल कुछ कह दे। बताते चलें डॉक्टर साहब टस से मस भी नहीं हुआ। आखिरकार समय रहते मरीज का इलाज नहीं होने से मरीज ने दम तोड़ दिया। सूत्रों के द्वारा यह भी पता चला है, कि सरकारी उप स्वास्थ्य केंद्रों में ज्यादातर आए दिन आरोप यही लगाया जा रहा है, कि ऐसी घटना लगातार होती रहती है और डॉक्टरों के द्वारा ज्यादातर अपने प्राइवेट क्लीनिक खोल कर मौटे पैसे लेकर लोगों का इलाज करते हैं, लेकिन सरकारी अस्पताल के उप- स्वास्थ्य केन्द्र में ड्यूटी स-समय नहीं करते हैं। जिससे क्षेत्र के गरीब जनताओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है और यह भी पता चला है कि जिस समय इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया उस समय डाक्टर बी०बी० सिंह ड्यूटी में था। जब परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मी से सी०एस० का नम्बर मांगा गया, तो सहमे स्वास्थ्य कर्मीयों ने मृतक के परिजनों को मोबाइल देने के बजाय आश्वासन देने लगें कि फोन करने से क्या फैदा मिलेगा। अगर सी०एस० को पता चलेगा तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरा के डॉ० बी०बी० सिंह को नौकरी से हटा देगा। आप को क्या मिलेगा ,आप लोग घर चले जाईये।
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