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BALRAMPUR...यूरिया की किल्लत से अन्नदाता परेशान

अखिलेश्वर तिवारी
प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री ने नेपाल से सटे हुए जिलों से यूरिया की तस्करी नेपाल में किए जाने की बात स्वीकार कर चुके हैं । शासन से लेकर जिला स्तर तक अधिकारी कालाबाजारी रोकने के लिए लगातार प्रयास भी कर रहे हैं । इसके बावजूद भी ना तो यूरिया की कालाबाजारी पर लगाम लग पा रहा है और ना ही किसानों को जरूरत के हिसाब से खेती किसानी के लिए यूरिया खाद ही उपलब्ध हो पा रही है । यूरिया की किल्लत का अंदाजा दुकानों के बाहर लगी किसानों के भीड़ से लगाया जा सकता है । किसानों की भीड़ को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि यूरिया बाजार से गायब हो चुकी है ।
जिले के किसान यूरिया के लिए रात रात भर जाग कर वितरण केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं। उसके बाद भी सुबह जरूरी नहीं कि उन्हें यूरिया मिल ही जाएगी । किसानों के माने तो कई दिनों चक्कर के बाद भी यूरिया बंटना शुरू होता है तो भी तमाम किसानों के नंबर आने से पहले ही यूरिया समाप्त हो जाता है । बड़े बड़े वाहनों में थोक रेट में भरकर एरिया लेकर पहुंच वाले किसान अथवा ब्लैक करने वाले लोग चले जाते हैं । थोड़ी देर बाद खिड़की पर यूरिया समाप्त होने का बोर्ड लटकता दिखाई देता है । कहने के लिए तो किसान अन्नदाता हैं, परंतु अगर धरातल पर देखा जाए तो सब से परेशान व बेबस किसान ही नजर आ रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि किसानों को खेती किसानी के लिए समय पर कभी बीज नहीं मिलता तो कभी खाद नहीं मिलता । साल दर साल किसान खाद बीज तथा पानी की समस्याओं को लेकर जूझते रहते हैं । इस समय खेती किसानी का मुख्य समय चल रहा है। धान की फसल खेतों में लहलहा रही है। बरसात का पानी भी इंद्र देव की कृपा से फसलों को मिल रहा है, परंतु किसानों को फसल में डालने के लिए यूरिया नहीं मिल पा रही है। यूरिया की किल्लत को लेकर शासन प्रशासन भी दिशा निर्देश जारी कर रहा है। बलरामपुर के जिला अधिकारी कृष्णा करुणेश ने लिखित आदेश जारी कर सभी उप जिला अधिकारियों, कृषि अधिकारियों तथा खंड विकास अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए निर्देशित किया है कि वे सभी अपने क्षेत्रों में स्थापित खाद की दुकानों की नियमित जांच करें तथा सुनिश्चित करें कि कहीं भी खाद की कालाबाजारी ना होने पाए । उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि किसानों को खाद निर्धारित सरकारी मूल्य पर ही उपलब्ध कराया जाए । निर्देश में कहा गया है कि जो दुकानदार अथवा डीलर खाद की कालाबाजारी करने में संलिप्त पाया जाए उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाए । इतने कड़े फरमान के बावजूद भी ना तो किसानों को यूरिया खाद मिल पा रही है और ना ही कालाबाजारी रुक रही हैं । किसानों की माने तो दुकान खोलने के घंटों पहले लाइन लगा कर बैठ जाते हैं। कई कई दिन लाइनों में लगने के बाद तब जाकर कुछ किसानों को खाद मिल पाता है । हमारे प्रतिनिधि को किसानों ने बताया कि 3 दिन पहले खाद के लिए टोकन जारी किया गया था और अभी तक खाद नहीं मिल पाया है । ऐसे तमाम किसान है जो खाद के लिए भटक रहे हैं और प्रशासन उन्हें खाद उपलब्ध नहीं करा पा रहा है । उप जिला अधिकारी नरेंद्र नाथ यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच शुरू करा दी गई है। शीघ्र ही सभी किसानों को यूरिया मिल पाए इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है । उन्होंने यह भी कहा कि जांच अभियान चलाया जा रहा है । कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह से कटिबद्ध है । ।

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