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BALRAMPUR...किसान यूनियन ने सौंपा ज्ञापन

अखिलेश्वर तिवारी/वेद मिश्रा
जनपद बलरामपुर के किसानों की मूलभूत समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हृदय राम वर्मा की अगुवाई में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस क्षेत्राधिकारी मनोज यादव से मिलकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सोमवार को सौंपा। ज्ञापन में किसानों के समस्याओं का त्वरित निदान किए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की गई है ।


भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष हृदय राम वर्मा ने बताया कि इस समय प्रदेश का किसान नकदी के भारी संकट से जूझ रहा है, जिसका प्रभाव खरीफ की फसल पर पड़ रहा है। कोविड-19 के चलते लॉकडाऊन के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई हेतु सरकार द्वारा कोई भी सीधी सहायता किसान को नहीं मिली है। प्रदेश में पुलिस उत्पीड़न भी चरम सीमा पर है। गन्ना किसान का भुगतान न होने के कारण किसानों के सामने काफी समस्या उत्पन्न हो रही है। भारतीय किसान यूनियन प्रदेश में थानों पर आन्दोलन के माध्यम से सरकार से किसानों की समस्याओं के समाधान की मांग करती है । जापान में किए गए उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम 1953 की धारा 17(3) तथा शुगर केन कंट्रोल आर्डर 1996 की क्लाज 3 (3-ए) के प्रावधान के अनुसार गन्ना खरीद के उपरांत 14 दिन के अन्दर गन्ने के भुगतान न करने पर लम्बित अवधि के ब्याज सहित गन्ना किसानों का बकाया गन्ना भुगतान अविलम्ब कराया जाए। प्रत्येक गन्ना किसान की लेखा-जोखा हेतु गन्ना पासबुक जारी किए जाएं। गन्ना खरीद नीति में कोई बदलाव न किया जाए। किसानों के सामान्य योजना के स्वीकृत नलकूप कनैक्शन का सामान दिये जाने हेतु अविलम्ब लक्ष्य जारी किया जाए। डार्क जोन में अनियमित रूप से चलाये जा रहे निजी नलकूप के संयोजन नियमितीकरण हेतु पुनः 3 माह का समय दिया जाए। किसानों के निजी नलकूप के आवेदन सामान्य योजना की छूट के कारण नहीं मिल पा रहे हैं। सभी आवेदक किसानों को तुरंत कनेक्शन दिए जाएं। बिजली विभाग की गलती के कारण हजारों उपभोक्ता बिल संशोधन हेतु चक्कर लगाते रहते हैं। गलत बिल भेजने वालों पर कार्यवाही की जाए। किसान सम्मान निधि का लाभ प्रदेश के 50 प्रतिशत किसानों को नहीं मिल पा रहा है। कार्यालयों के कई चक्कर लगाने के बावजूद भी किसानों को किस्त जारी नहीं की जा रही है। संशोधन हेतु समय सीमा तय करते हुए पात्र किसानों को लाभ दिया जाए व राज्य सरकार द्वारा भी इसमें अंशदान देते हुए इसे 12 हजार रूपये सालाना किया जाए। भारत सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन व कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंक अध्यादेश व प्रस्तावित विद्युत संशोधन अधिनियम का राज्य सरकार द्वारा विरोध दर्ज कराया जाए। इन कानूनों से किसान को भारी नुकसान होगा। मण्डी के बाहर किसान के खेत को छोड़कर अन्य जगह हो रही खरीद पर भी मण्डी टैक्स लगाया जाए। किसान ऋण मोचन योजना के अन्तर्गत पात्र लम्बित प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर किसानों की राशि जारी की जाए। प्रदेश में चालान के नाम पर पुलिस द्वारा कोविड-19 से लेकर आज तक उत्पीड़न जारी है। पुलिस द्वारा अभद्रता व मारपीट आम हो चुकी है। इस उत्पीड़न से नागरिकों को राहत दिलायी जाए। थाने में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए। जनपद मुजफ्फरनगर में भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित सभी मामलों का निस्तारण कराया जाए। जनपद में डूडा द्वारा चयनित प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु पात्रों की पुनः जांच करायी जाए। पात्रता के नाम पर पैसा वसूलने पर कार्यवाही की जाए। डूडा द्वारा कराये जा रहे कार्य हेतु निविदाओं की भी जांच करायी जाए। तहसीलों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग शामिल है । ज्ञापन देते समय जिला अध्यक्ष के साथ किसान नेता विकास सिंह, राजू पाठक, साबित अली व छेदी सहित कई अन्य लोग मौजूद थे । 

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