Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

2020 जाने पुरुषोत्तम मास अधिक मास मलमास पर 160 साल बाद बन रहा है विशेष संयोग, जानें क्या है पुरुषोत्तम मास और अधिक मास जाने हमारे साथ

पंडित देवस्य मिश्र ज्योतिषाचार्य बस्ती उत्तर प्रदेश


 पंडित देवस्य मिश्र ज्योतिषाचार्य बस्ती उत्तर प्रदेश

इस वर्ष अधिक मास लगने वाला है। इसे अधिक मास या पुरुषोत्तम मास मलमास भी कहा जाता है। य​ह तीन वर्ष में एक बार आता है। अधिक मास के पूज्य देव भगवान विष्णु हैं, इस वजह से इसे पुरूषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस बार पुरुषोत्तम मास का प्रारंभ 18 सितंबर से हो रहा है, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। उसके बाद 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ होगा। इस साल आने वाला अधिक मास पर 160 साल बाद शुभ संयोग बन रहा है। इसके बाद ऐसा संयोग साल 2039 में बनेगा। मलमास 18 सितंबर 2020 से आरंभ हो रहा है और 16 अक्टूबर 2020 को समाप्त होगा। ऐसे में सबके मन में सवाल आता है कि आखिर अधिक मास क्या है और इसे पुरुषोत्तम मास क्यों कहते हैं? आइए, जानते हैं-

क्या है पुरुषोत्तम मास 

हिन्दू कैलेंडर में 30 तिथियां होती हैं, जिसमें 15 दिनों का कृष्ण पक्ष और 15 दिनों का शुक्ल पक्ष होता है। कृष्ण पक्ष के 15वें दिन अमावस्या और शुक्ल पक्ष के 15वें दिन पूर्णिमा होती है। सूर्य और चंद्रमा की गति के आधार पर हिन्दू कैलेंडर बनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर की तिथियां घटती बढ़ती रहती हैं, यह अंग्रेजी कैलेंडर के 24 घंटे के एक दिन जैसे निर्धारित नहीं होती हैं। तीन वर्ष तक जो तिथियां घटती और बढ़ती हैं, उनसे बचे समय से हर तीन वर्ष पर एक माह का निर्माण होता है, जो अधिक मास पुरुषोत्तम मास या मलमास कहलाता है।

भगवान राम के नाम पर पड़ा ‘पुरुषोत्तम मास

धार्मिक मान्यता है कि अधिकमास के अधिपति स्वामी भगवान विष्णु हैं और पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम है, इसलिए अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। मलमास के समय में मांगलिक कार्यों जैसे कि विवाह, मुंडन, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश आदि की मनाही होती है।प्ररतु  अन्य शुभ अनुष्ठान जैसे ग्राह का जप  अन्य मंत्रों का जाप महामृत्युंजय भगवान विष्णु का पूजन श्रीमद्भागवत की कथा शिव पुराण की कथा अन्य  सारे शुभ अनुष्ठान का पूजन कार्यक्रम किए जाएंगे

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Below Post Ad

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे