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Sant kabir nagar मिथ्या हैं अस्‍पतालों में कोविड मरीजों के साथ दुर्व्‍यवहार की बातें, भ्रम न फैलाएं



आलोक बर्नवाल

संतकबीरनगर। यूं तो विभिन्‍न संचार माध्‍यमों के जरिए अलग अलग अस्‍पतालों में कोविड मरीजों के साथ दुर्व्‍यवहार की बातें सुनने में आती हैं, लेकिन वास्‍तविकता के धरातल पर ये बातें पूरी तरह से मिथ्या हैं। मरीजों को समय पर भोजन के साथ ही चिकित्‍सा सेवाएं समय-समय पर मुहैया कराई जा रही हैं। ऐसी बातें केवल भ्रमित करने वाली हैं।

यह कहना है हीरालाल रामनिवास इण्‍टर कालेज के प्रधानाचार्य तथा रोटरी इण्‍टरनेशनल डिस्ट्रिक्‍ट 3120 जोन 14 के असिस्‍टेण्‍ट गवर्नर रामकुमार सिंह का, जिन्‍हें मेदान्‍ता हास्पिटल लखनऊ के चिकित्‍सकों व चिकित्‍साकर्मियों की मदद से कोरोना से मुक्ति मिली है। उन्‍होने कोरोना से बीमार होने के बाद खुद सरकारी अस्‍पतालों व निजी अस्‍पतालों के चिकित्‍सकों व चिकित्‍साकर्मियों का व्‍यवहार देखा है। उनका कहना है कि ऐसा कहने वालों का या तो खुद का व्‍यवहार खराब रहा होगा, या वह कोई विशेष अपेक्षा रखते होंगे। ऐसे समय में जब महामारी अपने जोर पर है, हमें चिकित्‍सकों या चिकित्‍साकर्मियों से कोई विशेष अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए। वह भी तब जब वह वे खुद अपनी जान को जोखिम में डालकर आपको सेवा प्रदान कर रहे हैं। रोटरी इण्‍टरनेशनल के गवर्नर के अन्‍दर गत 24 अगस्‍त को कोरोना के लक्षण दिखे तो उन्‍होने जांच कराई। जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद चिकित्‍सकों ने उन्‍हें कोविड एल – 3 हास्पिटल में भर्ती होने की सलाह दी। उन्‍हें 26 अगस्‍त को मेदान्‍ता हास्पिटल लखनऊ में भर्ती कराया गया। चिकित्‍सकों व चिकित्‍साकर्मियों के सहयोग से 9 सितम्‍बर की रात्रि में उन्‍हें हॉस्पिटल से पूर्ण रुपेण कोरोना मुक्ति का प्रमाण पत्र मिला। रामकुमार सिंह बताते हैं कि इस दौरान चिकित्‍सकों व चिकित्‍साकर्मियों ने न सिर्फ उनका समुचित इलाज किया, बल्कि वह उनका सम्‍बल भी बढ़ाते रहे। कभी उनका रवैया अव्‍यावहारिक के साथ ही व्‍यावसायिक भी नहीं रहा। उनकी इस सेवा से खुश होकर उन्‍होने रोटरी इण्‍टरनेशनल से बात किया तथा चिकित्‍सा में लगे हुए सभी चिकित्‍सकों व चिकित्‍साकर्मियों को कोरोना योद्धा का प्रमाण पत्र मंगवाया तथा उनको सौंपकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर की।

इन 36 चिकित्साकर्मियों को दिया गया प्रशस्ति पत्र
टीम के जिन 36 चिकित्‍सकों व चिकित्‍साकर्मियों को यह कोरोना योद्धा होने का प्रमाण पत्र मिला उनमें डॉ राकेश कपूर, डॉ आलोक पाण्‍डेय, डॉ रुचिता शर्मा, डॉ साक्षी मनचन्‍दा, आलोक खन्‍ना, एलीआर हसन, मनीष वर्मा, दीपेश कुमार श्रीवास्‍तव, फैज, संगीता, पारस, साजिद, रिजवाना, पूजा, नेहा, महिमा, प्रियंका राजपूत, प्रियंका यादव, सुजीत, सुनील कुमार, रोहित मिश्रा, किरन, अमनदीप, गीतांजलि वर्मा, पूजा देवी, रुही, मनो, अभिषेक त्रिपाठी, आरती, मो. फर्रुख, विनीत, अमरदीप, शिवम, नीरज तिवारी, आशीष, मनोज अवस्‍थी शामिल हैं।

टीम ने दिया धन्यवाद
हॉस्पिटल की टीम ने धन्‍यवाद ज्ञापित करते हुए कहा है कि – ‘‘ हॉस्पिटल के चिकित्‍सकों व कर्मचारियों को सम्‍मानित करके एक जादुई जोश भर दिया। जिससे वह वे बिना थके सबकी सेवा में अनवरत कार्य कर रहे हैं। धन्‍यवाद है इनकी सोच को और इनकी कृतज्ञता की । वरना ठीक होने के बाद कौन ध्‍यान देता है। मेदान्‍ता हास्पिटल की पूरी टीम रामकुमार सिंह को धन्‍यवाद ज्ञापित करती है और प्रभु से उनके उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य की कामना करती है।’’

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