सही पोषण के लिए पोषण माह के दौरान आयोजित हुआ कार्यक्रम
पोषण के लिए जरुरी हैं हरी सब्जियां, फल और सहजन – डीपीओ
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान मंगलवार को जिले में विभिन्न स्थानों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सही पोषण के लिए पोषण वाटिकाएं लगाई गईं। इन वाटिकाओं में विभिन्न प्रकार के फल, सहजन की डालियां और हरी सब्जियों के पौधे लगाए गये। गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ ही बच्चों को सम्पूर्ण पोषण देने के लिए इन्हें लगाया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी विजयश्री ने बताया कि पोषण माह के दौरान गर्भवती, धात्री तथा बच्चों को सही पोषण प्रदान करने के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों के साथ ही घरों और सार्वजनिक स्थलों पर भी पोषण वाटिकाएं लगाई गई हैं। इन पोषण वाटिकाओं में सहजन, आम, नीबू के साथ ही पालक, हरी सब्जियों और केलेंडर के पौधे लगाए गए, ताकि ताजी सब्जियां और फल खाकर लाभार्थी उचित पोषण पा सकें। खलीलाबाद की बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) उषा मगहिया ने बताया कि सुपरवाइजर नीना श्रीवास्तव, वन्दना सिंह तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिये लाभार्थियों के घरों में पोषकता से परिपूर्ण पौधे लगाए गए। बेलहर के सीडीपीओ अनुज सिंह ने बताया कि बेलहर कला ब्लाक क्षेत्र में विभिन्न आंगनबाड़ी क्षेत्रों में पोषक पौधों का रोपण किया गया। जबकि बघौली क्षेत्र में सीडीपीओ विरेन्द्र तिवारी के निर्देशन में पोषक पौधों का रोपण किया गया। जिले में विभिन्न स्थानों पर पोषक पौधे लगाने के साथ ही लोगों से स्वच्छता के साथ रहने की भी अपील की गई।
क्यो लगाया जाता है सहजन का पौधा
जिले के प्रभारी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ ए के सिन्हा बताते हैं कि सेंजन, मुनगा या सहजन आदि नामों से जाना जाने वाला सहजन औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके अलग-अलग हिस्सों में 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण हैं। इसमें 92 तरह के मल्टीविटामिन्स, 46 तरह के एंटी आक्सीडेंट गुण, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं। इसमें विटामिन सी- संतरे से सात गुना, विटामिन ए- गाजर से चार गुना , कैलशियम- दूध से चार गुना, पोटेशियम- केले से तीन गुना, प्रोटीन- दही की तुलना में तीन गुना पाया जाता है।
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