मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का पीडब्ल्यूडी विभाग पर कोई असर होता दिखई नहीं दे रहा है। तुलसीपुर गौरा मार्ग अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रहा है । बदहाल सड़कों पर सड़क विभाग का इस पर ध्यान न देना हजारों राहगीरो के लिए मुसीबत बनती जा रही है। तुलसीपुर गांव मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं । खराब सड़क के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं ।तालाबों में तब्दील हो चुकी पूरी की पूरी सड़क दुर्घटना को दावत दे रही है। लोगों की तमन्ना के बावजूद अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंग रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नवरात्र से पूर्व सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश इस जिले में हवा हवाई साबित हो रहा है। बे अंदाज हो चुके लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेश को भी कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं । तुलसीपुर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संरक्षण वाला क्षेत्र है । इसके बावजूद भी अधिकारियों पर आदेश का जरा सा भी खौफ नजर नहीं आ रहा है ।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवरात्र के पहले प्रमुख सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आदेश दिया था, परंतु संबंधित विभाग के ऊपर इन आदेशों का कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। तुलसीपुर गौरा मार्ग जो की तुलसीपुर से गौरा होते हुए उतरौला मार्ग को जोड़ती है। तुलसीपुर वाया गौरा उतरौला लगभग 20 किलो का सफर हैं। यही सफर अगर तुलसीपुर से जिला मुख्यालय से होते हुए उतरौला जाया जाये तो लगभग 60 किलो मीटर का सफर तय करना पड़ता है । यही वजह है कि लोग अपने समय और पैसे की बचत के लिए इस मार्ग पर सफर करते हैं। यह मार्ग तुलसीपुर होते हुए वाया बिस्कोहर जिला सिद्धाथनगर को जोड़ती है। मुख्य मार्ग होने के कारण इस मार्ग पर प्रतिदिन हजारों राहगीरो का आवागमन होता है। जो इस समय अपने खस्ताहाल पर आंसू बहा रहा है। सड़क के नाम पर केवल बड़े-बड़े गड्ढे ही दिखाई पड़ रहे है। जिस पर चलना जान जोखिम में डालने के बराबर है । विभाग की एक और लापरवाही देखिये कि गड्ढे तो गड्ढे उस पर विभाग द्वारा गिट्टी डालकर कर छोड़ दिया गया है जो की राहगीरों के लिए "दाद में खाज" का काम कर रही है। विभाग ने जनता की अपेक्षाओं पर ग्रहण लगाने का कोई कसर नही छोड़ा है। साथ ही मुख्यमंत्री के आदेश को ताक पर रख जनता में शासन की छवि को खराब कर रही है। दुर्गा शर्मा, राजू प्रसाद, राम तीरथ यादव, संजय, घनश्याम वर्मा आदि ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश को विभाग के अधिकारियों ने छलावा साबित कर दिया है।
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