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चौराहे पर दुकानें व गांव में दोमंजिला मकान, फिर भी दे दिया प्रधानमंत्री आवास!

तथ्यों को छुपाकर अपात्र को आवंटित कर दिया आवास

गोण्डा। गरीबों को पक्का मकान मुहैया कराने के लिए सरकार तमाम आवासीय योजनाएं संचालित कर रही है। इसके पीछे मंशा है कि उन निर्धन परिवारों को भी छत की छांव दी जाए जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण पक्का मकान बनवाने में अस्मर्थ हैं। लेकिन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाते हुए ग्राम प्रधान ने गरीबी की परिभाषा ही बदल दी! ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दे दिया गया जिनका दोमंजिला मकान तथा दुकान भी बना है।

    मामला विकास खण्ड मनकापुर की ग्राम पंचायत दलपतपुर का है। इसका खुलासा तब हुआ, जब यहां के निवासी जयप्रकाश पुत्र स्वर्गीय राममिलन ने साक्ष्यों के साथ जिलाधिकारी से लिखित शिकायत की। शिकायती पत्र में कहा गया है कि दलपतपुर ग्राम में श्रीमती प्रभावती के नाम तथ्यों को छिपाकर फर्जी तरीके से आवास निर्माण के लिए धनराशि आवंटित कर दिया गया है। अभिलेखों में प्रभावती के पिता/पति का नाम जानबूझकर नहीं दर्शाया गया है। इस वल्दियत की कोई महिला उक्त ग्राम पंचायत में नहीं है। आरोप है कि सरकारी धनराशि को हड़पने की नीयत से ऐसा किया गया है। प्रभावती को जिसके परिवार का दिखाया जा रहा है, वह बहुत ही सम्पन्न है। उसके पास कहोबा चौराहे पर कई दुकान व ग्राम दलपतपुर में पक्का दोमंजिला मकान बना हुआ है। इसके अलावा लगभग 15-20 बीघे कृषि योग्य भूमि, गाय-भैंस तथा आय के अन्य साधन उपलब्ध हैं। ऐसे में उक्त प्रकरण में सरकारी धन का दुरूपयोग होना स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है। शिकायतकर्ता ने जांच कर सरकारी धन के दुरूपयोग को रोकते हुए आवास निरस्त कर कार्रवाई की मांग की है।

     इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी का कहना है कि यदि ऐसा है तो यह बहुत ही गंभीर कृत्य है। शिकायत मिलने पर जांच कराकर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।

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