गोंडा:- आई टी आई संचार विहार मनकापुर के आफिसर क्लब में 8 दिसम्बर मंगलवार शाम को एक काव्य गोष्ठी आयोजित की गयी।
रचना प्रस्तुत करते हुए ईश्वर चन्द्र मेहदावली
साहित्यिक प्रोत्साहन संस्था के संथापक व गीतों के राजकुमार डॉ धीरज श्रीवास्तव की अध्यक्षता एवं राजेश मिश्रा के संचालन में हुई इस काव्य गोष्ठी की शुरूआत कवि ईश्वर चन्द्र मेहदावली द्वारा माँ वाणी की बन्दना कर की गई। यह काव्य-गोष्ठी महान गजलकार खालिद हुसैन सिद्दकी की विदाई के सम्मान में आयोजित की गई। विवेकानन्द इंटर कालेज मनकापुर के प्रधानाचार्य पं. राम हौसिला शर्मा ने अपनी रचना पढ़ी। मुख्य अतिथि के रूप में साहित्य कार खालिद हुसैन को पुष्पमाला पहनाकर, स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र के रूप में शाल प्रदान कर सभी साहित्यकारों ने सम्मानित किया। काव्य-गोष्ठी को उचाई देते हुए महाकाल की नगरी उज्जैन में विद्यावाचस्पति सम्मान से विभूषित गीतों के राजकुमार डा0 धीरज श्रीवास्तव ने पढ़ा - जो कुछ था अपना कर डाला सब तुमको अर्पण। देख तुम्हारी क्षल प्रपंच को जी भर रोया व्यथित समर्पण। कवि एवं मीडिया प्रभारी राम लखन वर्मा ने जीवन की सच्चाई को बताते हुए पढा- सिर्फ दोस्तों के बलबूते यह उम्र नही कट सकती है। एक वफादार जीवनसाथी का रहना बहुत जरूरी है। अवधी भाषा के गीतकार चन्द्रगत भारती ने पढ़ा- आज खतम सर्विस से होइगै कहानी। चला गोरी गउँवा मा करबै किसानी। काव्य-गोष्ठी का संचालन कर रहे कवि राजेश मिश्रा ने कहा- ये दीगर बात है हम रोज तुमसे मिल न पाएंगे। तुम्हें दिल मे बसाया है तुम्हे कैसे भुलायेंगे। एक मात्र कवियत्री इशरत सुल्ताना ने गजल पढ़ते हुए कहा- तुम न कहना कभी अलविदा दोस्तों। हो न जाऊं कहीं मैं जुदा दोस्तों। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कवि ईश्वर चन्द्र मेहदावली ने पढ़ा- गीत गरीबी से उपजा है लगा रहे कीमत धनवान। गीत भला कैसे बिकता जब गीतों में बसते भगवान। मुख्य अतिथि के रूप में कवि खालिद हुसैन सिद्दकी ने पढ़ा - जान लुटादी जिसने देश के अमन के लिए। मुल्क का सबसे बड़ा उसको खिताब दीजिए। मनकापुर के कवि राम कुमार नारद ने खालिद हुसैन के सम्मान में मोबाइल के माध्यम से संवेदनाए प्रस्तुत करते हुए अपनी रचना पढ़ी। अन्य कवियों ने भी अपनी रचनाएं पढ़ी। दर्जनों की संख्या में श्रोताओं ने कविताओं का भरपूर आनंद लिया।
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