.गंगासागर क्षेत्र में समुंद्र में 2 किलोमीटर तक गंगा का जल मीठा।
जीएम शुक्ला
प्रयागराज। त्रिवेणी संगम तट पर माघ मेले के विश्वहिंदू परिषद कैम्प कार्यालय पर गंगा समग्र अभियान की बैठक में शामिल होने पहुँचे राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी ने गंगा के पौराणिक महत्व से परिचय कराते हुए कहा कि गंगा का अस्तित्व समुंद्र में भी बना हुआ है।
बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं को जानकारी देते हुए सरसंघचालक मोहन भगवत जी ने कहा कि गंगासागर में समाहित होने के बावजूद माँ गंगा अपना अस्तित्व बनाएं रखी हैं। जानकारी देते हुए सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी ने बताया कि गंगासागर संगम स्थल पर पांच किलोमीटर तक और समुंद्र में दो किलोमीटर तक गंगा का जल मीठा है जबकि समुंद्र का जल खरा है। सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी ने कार्यकर्ताओं से यह भी अपील किया कि गंगा की पवित्रता को बनाये रखने के लिए हमे जीवन भर मेहनत करना है। संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी कार्यकर्ता की सक्रियता बढ़ाने पर जोर देना है। जो कार्यकर्ता सक्रिय हैं वो पेटेंट है और जो अभी सक्रिय रूप से संगठन के दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं वो लेटेंट हैं लेटेंट से उनका अभिप्राय देर से था, कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लेटेंट को पेटेंट करने का प्रयास करना है। पांच राज्यों से आये गंगा समग्र के कार्यकर्ताओं से सरसंघचालक का परिचय गंगा समग्र के सचिव आशीष गौतम ने कराया। इसके बाद दिल्ली से आये गंगा समग्र के मुख्य कार्यकर्ता भरत पाठक और नन्दिता पाठक ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट अंतर्गत गंगा विचार मंच की पुस्तक को सरसंघचालक को भेंट स्वरूप दिया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए काशी प्रान्त के प्रचारक राजेन्द्र सक्सेना जी ने बताया कि पांच राज्यों से आये गंगा समग्र के सभी कार्यकर्ताओं ने तीन सत्रीय कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए गंगा समग्र अभियान को सफल बनाने का दृढ़ संकल्प लिया। पूरे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विश्व संवाद केंद्र काशी प्रान्त राघवेंद्र जी ने बताया की बैठक में गंगा समग्र के कार्यकर्ताओं को कार्ययोजना बताते हुए अभियान को सफल बनाने की बात बतायी गई। आगे उन्होंने बताया कि बैठक में गंगा समग्र अभियान के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर बात नहीं हुई।बैठक में गंगा समग्र के कार्यकर्ताओं के अलावा मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, सहस्व कार्यकर्ता डॉ कृष्ण गोपाल जी, कोल्हापुर कन्हेरीमठ के महाराज काड सिद्धेश्वर जी के अलावा साधु संत, महामंडलेश्वर, संतजन उपस्थित थे।
बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं को जानकारी देते हुए सरसंघचालक मोहन भगवत जी ने कहा कि गंगासागर में समाहित होने के बावजूद माँ गंगा अपना अस्तित्व बनाएं रखी हैं। जानकारी देते हुए सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी ने बताया कि गंगासागर संगम स्थल पर पांच किलोमीटर तक और समुंद्र में दो किलोमीटर तक गंगा का जल मीठा है जबकि समुंद्र का जल खरा है। सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी ने कार्यकर्ताओं से यह भी अपील किया कि गंगा की पवित्रता को बनाये रखने के लिए हमे जीवन भर मेहनत करना है। संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी कार्यकर्ता की सक्रियता बढ़ाने पर जोर देना है। जो कार्यकर्ता सक्रिय हैं वो पेटेंट है और जो अभी सक्रिय रूप से संगठन के दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं वो लेटेंट हैं लेटेंट से उनका अभिप्राय देर से था, कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लेटेंट को पेटेंट करने का प्रयास करना है। पांच राज्यों से आये गंगा समग्र के कार्यकर्ताओं से सरसंघचालक का परिचय गंगा समग्र के सचिव आशीष गौतम ने कराया। इसके बाद दिल्ली से आये गंगा समग्र के मुख्य कार्यकर्ता भरत पाठक और नन्दिता पाठक ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट अंतर्गत गंगा विचार मंच की पुस्तक को सरसंघचालक को भेंट स्वरूप दिया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए काशी प्रान्त के प्रचारक राजेन्द्र सक्सेना जी ने बताया कि पांच राज्यों से आये गंगा समग्र के सभी कार्यकर्ताओं ने तीन सत्रीय कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए गंगा समग्र अभियान को सफल बनाने का दृढ़ संकल्प लिया। पूरे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विश्व संवाद केंद्र काशी प्रान्त राघवेंद्र जी ने बताया की बैठक में गंगा समग्र के कार्यकर्ताओं को कार्ययोजना बताते हुए अभियान को सफल बनाने की बात बतायी गई। आगे उन्होंने बताया कि बैठक में गंगा समग्र अभियान के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर बात नहीं हुई।बैठक में गंगा समग्र के कार्यकर्ताओं के अलावा मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, सहस्व कार्यकर्ता डॉ कृष्ण गोपाल जी, कोल्हापुर कन्हेरीमठ के महाराज काड सिद्धेश्वर जी के अलावा साधु संत, महामंडलेश्वर, संतजन उपस्थित थे।
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