मरीजों के हित में पेशेंट चार्टर लागू किया जाना आवश्यक – नसीम अंसारी
पट्टी (प्रतापगढ़) ऑक्सफैम इंडिया और तरुण चेतना के द्वारा मरीजों के अधिकार को लेकर प्रतापगढ़ जिले में 18 से 30 मार्च 2021 तक मरीज जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के अंतर्गत पट्टी, सदर व् मान्धाता ब्लाक के बहुता, सरमा, सरायमधई, रामपुर बेला, मरियमपुर, सरसतपुर, कंजा सराय गुलामी, हरचेत पुर आदि गांवों में जागरूकता गोष्ठियां आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी 13 सूत्रीय पेशेंट चार्टर पर खुल कर चर्चा की गयी.
इस अवसर पर तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने कहा कि निजी अस्पतालों द्वारा अत्यधिक मुनाफाखोरी, नैतिक उल्लंघनों और मरीजों के शोषण के मामले भारत में बड़े पैमाने पर लगातार बढ़ रहे हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान निजी अस्पतालों की शोषणकारी प्रवृत्ति कुछ जयादा ही बढ़ गयी है, जिसे नियंत्रित करने के लिए मरीजों के अधिकारों के चार्टर को अपनाया जाना आवश्यक है. 13 अधिकारों वाले इस चार्टर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसे लागू करने के लिए 2 जून 2019 को इसे अपनाने के लिए सभी राज्य सरकारों को पत्र भी लिखा गया है परन्तु कुछ संगठनों के दबाव के नाते मरीज हितों की अनदेखी करते हुए इसे आज तक लागू नहीं किया गया ।
श्री अंसारी के अनुसार मरीजों को अस्पतालों के शोषण से बचाने वाले इस पेशेंट चार्टर के जरिए यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि मरीजों और चिकित्सकीय निकायों की आम शिकायतों का समाधान हो सके, जिसे राज्य सरकारों द्वारा लागू किया जाना अभी बाकी है. चार्टर में उल्लिखित मरीजों के अधिकार के बारे में उन्होंने बताया कि बीमारी की प्रकृति और कारण, प्रस्तावित जांच, देखभाल, जटिलताओं और उपचार की लागत के बारे में पर्याप्त जानकारी पाने का अधिकार, स्वास्थ्य सेवा केंद्र में उपलब्ध सभी जांच उपचार और सुविधाओं की शुल्क दरों को जानने का अधिकार, अपने मामले से जुड़े दस्तावेज, मरीज रिकॉर्ड, जांच रिपोर्ट और विस्तृत बिल की एक कापी दिए जाने का अधिकार, किसी भी जांच व उपचार से पहले सहमति लिए जाने का अधिकार, मरीज की पसंद के किसी अन्य चिकित्सक से राय लेने का अधिकार, उपचार के दौरान गोपनीयता, मानवीय गरिमा और निजता का अधिकार, किसी पुरुष चिकित्सक द्वारा महिला रोगी की शारीरिक जांच के दौरान एक महिला की उपस्थिति सुनिश्चित किए जाने का अधिकार, एचआईवी संक्रमण होने के आधार पर उपचार और व्यवहार में गैर-भेदभाव न करने का अधिकार, मरीज के मृत शरीर को उनके परिवार को बिना शर्त सौंपने का अधिकार सहित अस्पताल द्वारा सभी शुल्क-दर प्रदर्शित किया जाना भी इस चार्टर में शामिल है, जिसका उल्लंघन होने पर आयोग या विभाग को शिकायत की जा सकेगी.
इस अवसर पर शकुंतला देवी, राकेश गिरी, बृजलाल व कलावती देवी आदि लोगों ने मरीजों के अधिकार दिलाने सम्बन्धी संकल्प बैनर पर अपने हस्ताक्षर भी किये.
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