रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। स्वास्थ्य विभाग में सबसे बेहतर सुविधा देने वाली एंबुलेंस व्यवस्था करनैलगंज में खुद बीमार पड़ गई है। महिलाओं को प्रसव या बीमारी के दौरान अस्पताल तक लाने व घर तक छोड़ने की सुविधा देने वाली 102 एम्बुलेंस के साथ ही तीन छोटी एम्बुलेंस वाहन मामूली मरम्मत के अभाव में बेकार साबित हो रही हैं। करनैलगंज अस्पताल परिसर के बाहर दो वाहन एंबुलेंस 102 जो मामूली खराबी के चलते खड़ी कर दी गई और इसके अलावा तीन एंबुलेंस वाहन मारुति वैन सालों से करनैलगंज अस्पताल परिसर में खड़ी सड़ रही हैं। यह एंबुलेंस वाहन चालक और मामूली मरम्मत के अभाव में बेकार हो चुकी हैं। जबकि इन वाहनों की मरम्मत कराने के बाद मरीजों की सुख सुविधा के लिए उतारा जा सकता है। मगर चालकों के अभाव के चलते वाहनों को एक स्थान पर खड़ा कर दिया जाता है और वह खड़े-खड़े निष्प्रयोज्य होते जा रहे हैं। यही स्थिति करनैलगंज अस्पताल के सामने खड़ी दो वाहन 102 एंबुलेंस की देखी जा रही है। जबकि 108, 102 की सुविधाओं के लिए तमाम ऐसे मरीज है जो भटक रहे हैं। वाहनों की संख्या कम होने के कारण मरीजों को इसका सही लाभ नहीं मिल पा रहा है। यदि अस्पताल में खड़े पांच एंबुलेंस वाहनों की मरम्मत करा कर जनता के लिए अस्पताल में मुहैया कराया जाए तो लोगों को बेहतर सुविधा मिल सकती है। इस संबंध में सीएससी अधीक्षक डॉ सुरेश चंद्रा का कहना है कि 102 के दो वाहन परिसर के बाहर खड़े हैं। जिनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यह एंबुलेंस विभाग यह बता सकता है और जो एंबुलेंस छोटे वाहन अस्पताल परिसर में खड़े हुए निष्पयोज्य हो चुके हैं। जिनके बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पूर्व में पत्र भेजा जा चुका है।
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