इमरान अहमद
मनकापुर गोण्डा: मनकापुर क्षेत्र में इन दिनों अवैध रूप से चलने वाले क्लिनिकों,नर्सिंग होम की बाढ़ सी आ गयी है।जगह जगह कुकुरमुत्तों की तरह तेज़ी से फ़ैल रहे झोलाछाप डाक्टर व नीम हकीम बाकायदा अपना क्लिनिक खोलकर भोले भाले मरीज़ों की सेहत के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहें हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी की नींद में सो रहें हैं।तभी तो इनकी नज़र इन पर नहीं पड़ रही है।
माना जाता है की स्वास्थ विभाग में खाऊ कमाऊ नीति के चलते ये गोरखधंधा धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। सूत्रों की मानें तो बहुत से क्लिनिक,नर्सिंग होम ऐसे हैं जिनके पास ना तो कोई डिग्री है ना ही कोई लाइसेंस। और तो और ये अपने क्लिनिक को अस्पताल की तरह बना कर भोले भाले मरीज़ों को कम दामों में बेहतर इलाज का प्रलोभन देकर पूरा इलाज कर उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर रहें हैं।स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो यह सब आशा कार्यकर्ता,विभाग के कर्मचारियों की सांठगांठ व कमीशन के बलबूते यह धंधा और भी फल फूल रहा है। कहा जाता है की ये लोग कमीशन के चक्कर में पहले से सेट अपने क्लिनिक,नर्सिंग होम पर मरीज़ों को भेज कर मौत के मुंह में धकेल देते हैं। जिनका बाद में संचालक कर्ता अपनी मनमर्जी से दाम वसूलते हैं। और फ़िर तय सुधा दलालों को कमीशन बाटते हैं।फिलहाल ऐसे लोग ज़िले के साफ़ सुथरे छवि व तेज़ तर्रार माने जाने वाले ज़िलाधिकारी मार्कणडेय शाही के निशाने पर आ गये हैं। गुरुवार को थाना इटियाथोक निवासी साजीदा खातून की शिकायत पर बैजपुर में डाo बलराम वर्मा पुत्र राम सूरत वर्मा,डाo जितेंद्र कुमार पुत्र बलराम व अन्य एक व्यक्ति पर बिना मेडिकल डिग्री व लाइसेंस के नर्सिंग होम संचालित करने पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही ज़िले में झोला छाप डाक्टरों के खिलाफ अभियान चलाकर कड़ी कार्यवाई करने का आदेश दिया है। इस कार्यवाई से झोलाछाप डाक्टरों में हड़कमप मच चुका है।
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