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गोण्डा :निजी अस्पतालों की मनमानी पर कसी जाय नकेल :मुख्यमंत्री

गोण्डा : सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद  गोण्डा के भ्रमण के दौरान एकीकृत कोविड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर, जिला अस्पताल में पेास्ट कोविड वार्ड, पीएचसी पन्त नगर तथा गेहूं क्रय केन्द्र पन्त नगर का निरीक्षण तथा विकासखण्ड झंझरी अन्तर्गत ग्राम परेड सरकार में जाकर निगरानी समितियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत सभागार में जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड नियंत्रण की मण्डलीय समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने सबसे पहले कोविड कमाण्ड सेन्टर का निरीक्षण किया। वहां की व्यवस्था से प्रसन्न मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन की सराहना की तथा अन्य जनपदों के अधिकारियों को गोण्डा की तरह ही कोविड कमाण्ड सेन्टर बनाए जाने के निर्देश दिए। कोविड कमाण्ड सेन्टर का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री सीधे जिला पंचायत सभागार पहुंचे। वहां पर उन्होंने सांसद व विधायक गणों तथा अधिकारियों के साथ मण्डल में कोविड नियंत्रण की स्थिति की गहन समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री जी को मंडलायुक्त एसवीएस रंगाराव ने मण्डल की स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि पूरे मण्डल में निगरानी समितियां सक्रिय होकर कार्य कर रही हैं। ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश समय-समय पर दिये जाते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए बताया कि मण्डल में आॅक्सीजन प्लाण्ट भी स्थापित किये जा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में आॅक्सीजन की किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आयेगी। इसके साथ ही, कोविड वैक्सीनेशन का कार्य भी आगे बढ़ रहा है। मण्डल के प्रत्येक ग्राम पंचायत में सेक्टर मजिस्टेªट तैनात किये गये हैं, जिनका कार्य लक्षणयुक्त मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध करवाना और अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर टीकाकरण हेतु प्रेरित करना एवं कोविड-19 के प्रति जागरूक करना है।


मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान मण्डल के बहराइच, बलरामपुर व श्रावस्ती जनपदों के जिलाधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से वार्ता करते हुए निर्देशित किया कि आबादी के हिसाब से कोविड के अधिक से अधिक टेस्ट की क्षमता बढ़ायी जाए एवं निगरानी समितियों को गांव-गांव भेजकर लक्षणयुक्त व्यक्तियों का चिन्हीकरण कर एन्टीजन टेस्ट कर तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने जनपद गोण्डा में कोविड संक्रमण की रोकथाम तथा उपचार के लिए किये जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी  मार्कण्डेय शाही से जानकारी प्राप्त की।


मण्डलायुक्त द्वारा मुख्यमंत्री को बताया गया कि अब तक मण्डल में 21400 लोगों को मेडिकल की किट वितरित की गई है। वर्तमान में मण्डल में 721 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं जिसमें से 555 बेड खाली हैं। मण्डल में 391 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर उपलब्ध है तथा सभी क्रियाशील हैं।  इसके अलावा मण्डल में 3456 निगरानी समितियां ग्रामीण क्षेत्र में तथा 316 निगरानी समितियां नगरीय क्षेत्रों में कार्यरत हैं। आर0आर0टी टीमों के बारे में आयुक्त ने बताया कि मण्डल में कुल 235 आरआरटी टीमें कार्य कर रही हैं, 133 एम्बुलेंस उपलब्ध हैं तथा प्रतिदिन 2 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। टेलीमेडिसिन के लिए मण्डल में 113 केन्द्र बनाए गए है तथा अब तक मण्डल में 4577 लोगों को टेली मेडिसिन के जरिए परामर्श दिया गया है। कोविड कमाण्ड सेन्टरों में 145  लोगों को 24x7 घंटे की ड्यूटी में लगाया गया है। जीवन रक्षक रेमडेसिवीर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में आयुक्त ने बताया कि इस समय मण्डल में 2263 रेमडेसिवीर इंजेक्शन उपलब्ध हैं।


  समीक्षा में मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों से कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव को लेकर की जा रही तैयारियों के बारे में विस्तार से पूछा। जिलाधिकारी गोण्डा मार्कण्डेय शाही ने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय में पीआईसीयू के 50 बेड तथा 10 एनआईसीयू वार्ड के बनवाए जा रहे हैं, इसके साथ ही सीएचसी मनकापुर तथा करनैलगंज में 10-10 बेड का पीकू वार्ड बनाया जा रहा है। वैक्सीनेशन की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने आबादी के अनुसार कोविड टेस्ट की संख्या बढ़ाए जाने पर जोर देते हुए निर्देश दिए कि यह जनपद प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित कराएं कि कम से पांच हजार टेस्ट प्रतिदिन प्रति जिले में कराया जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए तीसरी लहर से बचाव के दृष्टिगत मेडिकल स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ नर्स, बाल रोग विशेषज्ञों का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से करा लिया जाय ताकि यदि तीसरी लहर आए भी तो प्रभावी नियंत्रण में कठिनाई न हो।


कोविड पाजिटिविटी रेट की समीक्षा में ज्ञात हुआ कि जनपद श्रावस्ती का पाजिटिवटी रेट 11, गोण्डा का 14, बलरामपुर का 12 तथा बहराइच का 14 रहा है, जिसमें काफी तेजी से कमी है परन्तु आबादी के हिसाब से लोगों का कोविड टेस्ट प्रतिशत बढ़ाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में तत्काल प्रभाव से पोस्ट कोविड वार्ड चालू सक्रिय किए जाएं तथा मरीजों को उनके घर तक पहुुंचाने का प्रबन्ध स्वास्थ्य विभाग सुनिश्चित कराए।


मुख्यमंत्री जी ने मण्डल के चारों जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से मेडिकल स्टाफ एवं सी0एच0सी0, पी0एच0सी0 एवं वेलनेस सेण्टर आदि के विषय में जानकारी प्राप्त की और निर्देशित किया कि यदि कहीं टेक्नीशियन नहीं हैं तो पैरामेडिक्स की टेªनिंग कराकर तैनाती करायी जाए। उन्होंने कहा कि समस्त जनपदों में वेन्टीलेटर को क्रियाशील रखा जाए, जिससे मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।


मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से संवाद कर कोरोना की दूसरी लहर के दरमियान सामने आयी कमियों एवं तीसरी लहर से निपटने पर चर्चा की। उन्हांेने जनप्र्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने क्षेेत्र के इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर, वैक्सीन सेण्टर तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण करें यदि कोई कमियां हों तो जनपद के अधिकारियों को अवगत करायें तथा वहां की स्थिति को सुदृढ़ करायें। प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण से सभी को बचाने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे लोग अपने अपने क्षेत्र के कम से कम एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को गोद लें तथा वहां पर मानक अनुरूप सभी स्वास्थ्य सेवाएं व्यवस्थित कराएं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से यह भी कहा कि वे लोग महीने में कम सेे कम दो बार अस्पतालों का निरीक्षण करें जिससे व्यवस्था में सुधार हो सके।


समीक्षा बैठक में सांसद गोंडा कीर्तिवर्धन सिंह ने अनुरोध किया कि जिले में स्वीकृत मेडिकल कालेज का जल्द से जल्द शिलान्यास कराया जाए तथा मेडिकल कालेज के निर्माण के साथ ही वहां पर ऑक्सीजन प्लांट भी लगवाने के लिए अभी से प्रयास चालू करा दिए जाएं। आईटीआई मनकापुर में 100 बेड का कोविड हॉस्पिटल बनाए जाने का भी अनुरोध किया गया। विधायक तरबगंज द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर वैक्सीनेशन का प्रबन्ध कराने का अनुरोध किया गया। जनप्रतिनिधियों द्वारा अपनी निधि से ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने के लिए आर्थिक सहायता देने पर मुख्यमंत्री द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। लक्षण युक्त मरीजों की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है, फिर भी हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। निगरानी समितियां अधिक से अधिक गांवों का भ्रमण कर लक्षण युक्त तथा संक्रमण संदिग्ध लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध करायें। राज्य सरकार हर उस अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही है, जो अस्पताल आने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि लक्षण युक्त तथा संक्रमण संदिग्ध लोगों मरीजों को मेडिसिन किट अगले सप्ताह तक अभियान चलाकर उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, वैक्सीनेशन के लिए भी व्यापक अभियान चलाया जाए, क्योंकि यह संक्रमण के खिलाफ कवच का कार्य करेगा। उन्होंने एम्बुलेंस सेवा ‘102’ एवं ‘108’ को हर जनपद में क्रियाशील रखने के निर्देश दिए। प्रत्येक जनपद में कोविड अस्पताल होना चाहिए। वर्षा ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए मण्डल के समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, हैजा आदि बीमारियां न पनपने पायें। इसके लिए अभी से सारी व्यवस्था कर ली जायें। जगह-जगह सेनेटाइजेशन कराया जाए।


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रत्येक जनपद में कम्युनिटी किचन संचालित होने चाहिए, जिससे असहाय एवं गरीब व्यक्तियों को भोजन प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि 01 जून, 2021 से प्रदेश के सभी जनपदों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी की जाए। वैक्सीनेशन सेंटर पर कोई अव्यवस्था न होने पाये। वैक्सीन की वेस्टेज कदापि न होने पाए। जो निर्माण कार्य संचालित हैं उनमें तेजी लायी जाए। उन्होंने बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वैक्सीनेशन कार्य व मेडिकल किट वितरण में जनप्रतिनिधियों को सहयोग लिया जाए।अन्त्येष्टि स्थल व्यवस्थित कराए जाएं, नदियों, नालों व तालाबों में शव न प्रवाहित किए जाएं। यदि परम्प्रा भी हो तो इसे रोका जाए। कम्यूनिटी किचेन चालू रखे जाएं मरीजों के परिजनों, ठेले, खोमचे, स्ट्रीट बेन्डर्स को भोजन हर हाल में मुहैया कराया जाय। कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरती जाय तथा पुलिस का व्यवहार लोगों के प्रति सद्भावना पूर्ण होना चाहिए। गरीबों को मास्क दें, दो गज की दूरी का पालन कराएं। पब्लिक एड्रेस सिस्टम क्रियाशील रखे जाएं। गांवों में जागरूकता फैलाई जाय। डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था की जाय। औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित न होने दी जाएं तथा यह भी सुनिश्चित कराया जाय कि औद्योगिक इकाइयों में ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर रखवाए जाएं। अस्पतालों की फायर सेफ्टी का जांच अभियान चलाकर करा ली जाय तथा टेलीमेडिसिन की सूचना रोजाना मीडिया में दी जाय। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर नकेल कसी जाय तथा शासन द्वारा निर्धारित दरों से अधिक धनराशि कोई भी अस्पताल न ले यह सुनिश्चित कराया जाए। हर व्यक्ति को कोविड का टीका लगवाया जाय। वेटिंग एरिया में बैठने का समुचित प्रबन्ध किया जाए तथा वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार ही लोगों को टीकाकरण केन्द्रों पर बुलाया जाए। सभी सीएचसी व पीएचसी को स्वच्छ व क्रियाशील रखा जाय तथा कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के साथ ही साथ अन्य संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए अभी से माइक्रो लेवल पर तैयारी शुरू कर दी जाय।


समीक्षा बैठक में सांसद कैसरगंज बृजभूषण शरण सिंह, सांसद गोंडा कीर्तिवर्धन सिंह, जिलाध्यक्ष सूर्य नरायन तिवारी, विधायक कटरा बावन सिंह, मेहनौन विनय द्विवेदी, गौरा प्रभात वर्मा, तरबगंज प्रेम नारायण पांडेय, आयुक्त देवीपाटन मण्डल एसवीएस रंगाराव, आईजी डा0 राकेश सिंह, डीएम मार्कण्डेय शाही, एसपी संतोष कुमार मिश्रा, अपर आयुक्त राकेश चन्द्र शर्मा, सीडीओ शशांक त्रिपाठी, एडी हेल्थ, सीएमओ डा0 आरएस केसरी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।


समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने डेडीकेटेड कोविड हास्पिटल में वैक्सीनेशन तथा पोस्ट कोविड वार्ड का निरीक्षण किया। वहां पर उन्होंने वैक्सीनेशन के लिए आए हुए लोगों से बात की तथा उनका हाल-चाल पूछा। पोस्ट कोविड वार्ड में भर्ती मरीज से बात कर, अस्पताल में दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी ली। उसके बाद मुख्यमंत्री सीधे पीएचसी पन्त नगर पहुंचे। वहां पर भी उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण किया तथा मरीजों से बात की। उन्होंने गेहूं क्रय केन्द्र पन्त नगर का भी निरीक्षण किया। तत्पश्चात निगरानी समितियों द्वारा किए जा रहे कार्यो का जायजा लेने के मुख्यमंत्री ग्राम परेड सरकार पहुचे। वहां पर उन्होंने ग्रामीणों से बात कर निगरानी समितियों के आने व उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे मे जानकारी ली।

मीडिया ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने दी जानकारी

बैठक के पश्चात मुख्यमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ पूरे देश के अंदर प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं उनके मार्गदर्शन में पूरी मजबूती के साथ जो लड़ाई प्रारंभ हुई हैं, उसके विकसित परिणाम आना शुरू हो चुके हैं। एक समय लगता था कि वास्तव में कोरोना महामारी बड़ी आबादी को अपने चपेट में ले सकती है, लेकिन उत्तर प्रदेश देश की आबादी का सबसे बड़ा प्रदेश  है, पूरे प्रदेश में 1 दिन में 38000 केस आए थे जो अब घटकर लगभग 3000 से भी कम हो गये हैं। आने वाले समय में पूरा प्रदेश ऑक्सीजन प्लांट से आत्मनिर्भर रहेगा। उन्होंने  जनप्रतिनिधियों से एक-एक हॉस्पिटल को गोद लेने की अपील की और कहा कि थर्ड वेव की तैयारियां कर ली गई है। हर मेडिकल कॉलेज में पीको और निको के निर्माण की कार्यवाही अभी से प्रारंभ हो गई है।  सीएससी और हेल्प सेंटर को विकसित करने के साथ-साथ सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की गई  है कि ऑक्सीजन प्लांट तैयार कराया जाए। वहां पर वे अपने निधि का प्रयोग करें, और वहां पर मैनपावर पावर की व्यवस्था जिलाधिकारी की कमेटी को करना है। इसी तरह से मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल को करना है। यह सभी कार्यवाही हमारी तेजी से बढ़ रही है। साथ ही साथ ट्रेनिंग की कार्यवाही जो टेक्निशियन स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टॉप,  इन सब की ट्रेनिंग के साथ-साथ आगे बढ़ रहे हैं।

     मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार 45 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को निःशुल्क वैक्सीन दे रही है। यह वैक्सीन का कार्य युद्ध स्तर पर प्रत्येक जनपद में प्रारंभ हुआ है। 18 से 44 वर्ष की उम्र के लोगों को प्रदेश सरकार वैक्सीन देकर उन लोगों को वैक्सीन फ्री में उपलब्ध करा रही है। अब तक 23 जनपदों में 18 से 44 वर्ष के उम्र के लोगों को वैक्सीन उपलब्ध  कराई गई। अब 1 जून से सभी 75 जिलों में 18 से 44 वर्ष के प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन उपलब्ध करायी जाएगी। प्रदेश सरकार ने अपनी प्राथमिकताएं तय की है कि  कि थर्ड वेव से पहले 12 वर्ष के उम्र के बच्चों के अभिभावकों को अभिभावक स्पेशल बूथ स्थापित करके उनको वैक्सीनेट कर सुरक्षा कवच उपलब्ध कराएं। हर जनपद में न्यायिक अधिकारियों के लिए और मीडिया के लिए अलग से बूथ लगे इसकी भी 1 जून से पूरी तैयारी कर ली गई है।

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