कोरोना योद्धा की भूमिका निभाकर निरन्तर जनता को कर रहे जागरूक
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की भयावहता ने इस बार हर वर्ग में डर पैदा कर दिया है। देश व प्रदेश के कोरोना संक्रमण की बढ़ती दर ने आम जनता को पूरी तरह से भयभीत कर दिया है। इस भय के माहौल में भी पुलिस कर्मी भी कोरोना के फ्रंट लाइन योद्धा है। जो डॉक्टर व अन्य फ्रंट लाइन वर्कर की तरह अपने कर्तव्य को पूर्ण कर रहा है। फिर भी डर सबको लगता है, रास्ते सिर्फ दो ही होते हैं, लड़ो या भागो ये भले ही कहने के लिए एक लाइन है, लेकिन आज के माहौल में कुछ योद्धा इसे चरित्रार्थ कर रहे है। ये है मेंहदावल के युवा वर्दीधारी पुलिसकर्मी जो किसी सुपरहीरो से कम नहीं हैं। कोरोना संक्रमण को हराने के लिए वो दिन रात डटे है। कोरोना वायरस से जंग में महिला पुलिसकर्मी भी जान जोखिम में डालकर अपना कर्तव्य निभा रही हैं। थाने के युवा पुलिसकर्मी दिन-रात की परवाह किए बिना थानों से लेकर चौक चौराहे तक मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे है और इन दिनों अपनी ड्यूटी के दौरान परिवार का भी मोह त्याग कर कोरोना के इस जंग में जुटे है और देश की सेवा कर रहा हैं। यह सिपाही यही संदेश दे रहे हैं कि आप अपने घर में रहे तो कोरोना को हर हाल में पराजित कर देंगे।
लोगों को घरों में रखना बड़ी चुनौती: मेंहदावल थाने में तैनात उपनिरीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि पिछली बार से इस बार कोरोना संक्रमण का भयावह रूप दिखाई दे रहा है। लोगो को संक्रमण से बचाने के लिए इस बार और भी मेहनत करनी पड़ रही है और साथ मे अपने को सुरक्षित भी रखना है। मेंहदावल थाने में तैनात युवा सिपाही संजीव यादव कहते हैं कि हमारा तो सड़कों पर खड़ा रहना कर्तव्य है। घर परिवार और बच्चो से दूर हैं। अपनी ड्यूटी को लेकर संजीव ने कहा कि इस समय लोगों को घरों में रखना बड़ी चुनौती है। इस समय सभी को जागरूक होने की जरूरत है कि अपने साथ साथ वो बच्चों और घर के सदस्यों को बाहर न निकलने दें तभी वो कोरोना जैसी घातक बीमारी को हरा सकते हैं।
कांस्टेबल रत्नेश सिंह ने कहा की इस समय कोरोना की वजह से ड्यूटी अधिक लंबी भी करनी पड़ रही है घर पर परिवार वालों से मिलना भी मुश्किल हो गया है लेकिन कोई बात नहीं समाज और देश को हमारी जरूरत है,जनता की सेवा के लिए हमेशा तत्पर है।
अभी हाल ही में कोरोना संक्रमण को हरा कर ड्यूटी पर आए युवा कांस्टेबल हिमांशू मिश्रा कहते है कि ज्यादातर लोग तो लॉकडाउन सपोर्ट कर रहे है, लेकिन कम उम्र वाले ज्यादातर रूल्स का उल्लंघन भी करते है। फिर स्थिति के मुताबिक ही उनसे निपटा जाता है। उन्होंने बताया कि हमारा भी परिवार है। हम जब घर से निकलते है तो हर कोई कहता है कि अपना ख्याल रखना ऐसे में अगर हमें लोगों का सपोर्ट पूरी तरह से मिले तो वाकई यही हमारी असली सफलता होगी। युवा कांस्टेबल रमेश यादव ने कहा की इस महामारी से बचाव ही उपाय है इसके लिए सभी को मास्क सोशल डिस्टेंसिग और दूरी बनाना चाहिए। तभी इस महामारी से जीता जा सकता है।
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