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Sant kabir nagar कोरोना वायरस ने चलाई ईद के कुर्ते पर कैंची, कारोबार पड़ा बेहद मंदा



लॉक डाउन में लोगों की जेब हैं खाली, लाखों की पूंजी हो सकती हैं बर्बाद
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। मुस्लिमों के सबसे बड़े त्योहार ईद पर कोरोना वायरस का ग्रहण लग गया हैं। लंबे समय से चले आ रहे हैं लॉक डाउन ने लोगों की जेब खाली कर दी।
इस रमजान में मुस्लिम भाइयों के सारे अरमान लॉक हो गए हैं सभी लोग घरों में रह रहे हैं ,नमाज घरों में लोग पढ़ रहे हैं, दर्जियों की दुकानें बंद हैं जिससे अबकी बार नए कपड़े भी नही बनवा पा रहे हैं।
इस्लाम में सबसे मुकदस महीना रमजान का माना जाता हैं। रमजान माह में मस्जिदों को सजाया जाता हैं, लेकिन इस साल ऐसा कुछ भी नहीं हैं। कोरोना की वजह से लॉक डाउन चल रहा हैं । प्रदेश के मुखिया ने कोरोना कर्फ्यू लगा रखा है ज्यादातर इबादतगाह बंद हैं, गुलजार रहने वाले मेंहदावल बाजार सुने पड़े हैं। कई साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब रमजान के महीने में हमेशा गुलजार रहने वाले बाजार बंद हैं।

मेंहदावल कस्बे में वीरानगी

रमजान माह आने से पहले ही शहर के चौक बाजार, अस्पताल तिराहा, अंजहिया बाजार, टड़वारिया चौराहा जैसे कई बाजार पूरे दिन गुलजार रहते थे, लेकिन अबकी बार ऐसा कुछ भी नही हैं। लोगों का कहना है कि लॉक डाउन की वजह से इस बार रमजान के महीना बेनूर ही रहेगा। खरुल्लाह निवासी ब्रह्मचारी बताया कि रमजान में ऐसे पहली बार देखा है कि बाजार, इबादतगाह में सन्नाटा हैं।लॉक डाउन में रमजान के पाक महीने जकात करने के तरीके में भी बदलाव हुआ हैं। साधन सम्पन्न लोग मोहल्ले के गरीबों के बीच सूखा अनाज व फलों का वितरण कर रहें हैं। कोई भूखा न रहे इस बार यह ख्याल रख रहे हैं। मेंहदावल के निवासी मुनीर अंसारी ने बताया कि पहले जकात के पैसे से गरीबों के बीच नया कपड़ा देते थे। वही जरूरतमंदों को कपड़ा भी देते थे, लेकिन इस बार राशन बाट रहे हैं। साथ ही लोग जकात में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रख रहे हैं।
इसी के चलते बाजार खुलने के बाद भी कपड़ों की दुकानों पर ईद की खरीदारी होती नही दिख रही हैं।
कपड़ा कारोबारियों की माने तो ईद पर लेडीज व जेंट्स के कपड़ों का अच्छा कारोबार होता था, पर ईद के नाम पर अभी तक कोई ख़रीदारी नहीं हुई हैं।ईद पर पहने जाने वाले कुर्तो, पठानी सूट के साथ लेडीज सूट पर कोरोना वायरस की कैंची चल गई हैं। ईद के त्योहार पर नए कपड़े पहनने का चलन हैं।इसलिए मुस्लिमों की एक बड़ी आबादी नए कपड़े खरीदती हैं, पर कोरोना वायरस के चलते कपड़ों की ख़रीदारी बंद हैं ।इससे सबसे बड़ा झटका उन कपड़ा कारोबारियों और दुकानदारों को लगा हैं जिन्होंने ईद के ट्रेंड के हिसाब से पहले ही स्टॉक जमा कर रखा था। दुकानदारों ने बताया कि लॉक डाउन के वजह से बिक्री नही हो पा रही हैं अगर ऐसा ही रहा तो कमाई तो दूर लाखों की पूंजी बाजारों में फस जाएगी।

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1 टिप्पणियाँ
  1. Come and see Menhdawal bazar ...you will get the actual picture of bazar.....sab hi raha hai yaha per .....daily shops open ho rahi hai aur purchasing bhi ....please correct

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