इमरान अहमद
मनकापुर गोण्डा :- वर्षो से राहगीरों की बेहतर सड़क की आस टिकरी जंगल मार्ग का निर्माण कार्य पर एक बार फिर ग्रहण लगता नज़र आ रहा है। कई सालों के बाद गड्ढों में तब्दील हो चुके सड़क का निर्माण कार्य स्वीकृति मिलने के बाद चालू किया गया था।मगर पैसे ना मिलने के कारण वन विभाग द्वारा निर्माण कार्य रूकवा दिया गया।
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बताते चलें की मनकापुर नवाबगंज मार्ग पर स्थित टिकरी जंगल की सड़क पूरी तरह से टूटकर गड्ढों में समा चुकी है। इस सड़क की बीते कई वर्षों से लोग निर्माण की राह देख रहे थे। हाल ही में गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अधर में लटके मार्ग का निर्माण कार्य शुरू की जाने की माँग भी की थी।रविवार को समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने रोक दिए गए निर्माण कार्य पर सड़क का निरीक्षण किया तथा मौके पर ही संबंधित अधिकारियों से बात कर जल्द कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। कहा जाता है की यूoएफoएo उतरौला फैजाबाद इलाहाबाद मार्ग के बीच स्थित टिकरी जंगल की 4 कीलो मीटर की सड़क वन विभाग द्वारा एनओसी ना दिए जाने के कारण कई सालों से कार्य प्रभावित था। यह सड़क टूटकर पूरी तरह से गड्ढों में समा गयी थी। जिससे राहगीरों को आने जाने में भारी परेशानीयों का सामना करना पड़ता था। वहीं बरसात के दिनों में लोगों की दुशवारियां और भी ज़्यादा बढ़ जाती थी। इस सड़क पर चलने वाले लोग कई बार गिरकर चोटिल भी हो चुकें हैं।पड़ोसी देश नेपाल से सटा बलरामपुर के बगल गोंडा जनपद होने के कारण यह मार्ग अपने आप में और भी अहमियत रखता है,इस मुख्य मार्ग से हज़ारों की संख्या में लोग राजधानी,प्रयागराज,गोरखपुर,अयोध्या व नेपाल देश के लिए आते जाते हैं।सड़क निर्माण के लिए सांसद गोंडा ने कई बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राहगीरों की परेशानीयों से अवगत भी करवाया। मगर हर बार पेंच फँसता रहा। बताया जाता है की पहले वन विभाग सड़क निर्माण के चौड़ीकरण के लिए राज़ी नहीं हो रहा था। मगर जब वन विभाग से स्वीकृति मिल गयी तो सड़क का कार्य लोक निर्माण विभाग की वजह से अधर में लटका रह गया।मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद जैसे तैसे कार्यदायी संस्था ने कार्य प्रारंभ तो किया। मगर दो ही दिन चले निर्माण कार्य को वन विभाग द्वारा रोकवा दिया गया।जिससे एक बार फिर राहगीरों के पक्की सड़क की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है।कार्य रोकने के संबंध में जब वन विभाग के रेंजर से जानकारी की गयी तो उन्होंने बताया की कार्यदायी संस्था द्वारा अभी तक वन विभाग को एक भी पैसे नहीं दिए गये थे जिस कारण उच्चाधिकारीयों के आदेश पर निर्माण कार्य को रोक दिया गया है
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