इस अवसर पर तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से अपने बच्चों को बचाने के लिए सभी लोगों को करोना का टीका लगवाना जरूरी है. श्री अंसारी व टीम द्वारा कोरोना टीका के बारे में फैली भ्रांतियों को तथ्यहीन व अवैज्ञानिक कहते हुए यथासंभव दूर करने का प्रयास किया गया. श्री अंसारी के अनुसार कोरोना काल में निजी अस्पतालों द्वारा अत्यधिक मुनाफाखोरी, नैतिक उल्लंघनों और मरीजों के शोषण के मामले भारत में बड़े पैमाने पर होते रहे हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान निजी अस्पतालों की शोषणकारी प्रवृत्ति कुछ जयादा ही बढ़ गयी है, जिसे नियंत्रित करने के लिए मरीजों के अधिकारों के चार्टर को अपनाया जाना आवश्यक है. 13 अधिकारों वाले इस चार्टर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 30 अगस्त 2018 को मरीजों के अधिकारों वाले इस चार्टर को जारी किया और 2 जून 2019 को इसे अपनाने के लिए सभी राज्य सरकारों को पत्र भी लिखा।
श्री अंसारी के अनुसार मरीजों को अस्पतालों के शोषण से बचाने वाले इस चार्टर के जरिए यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि मरीजों और चिकित्सकीय निकायों की आम शिकायतों का समाधान हो सके, चार्टर में उल्लिखित मरीजों के अधिकार के बारे में उन्होंने बताया कि बीमारी की प्रकृति और कारण, प्रस्तावित जांच, देखभाल, जटिलताओं और उपचार की लागत के बारे में पर्याप्त जानकारी पाने का अधिकार व अस्पताल द्वारा सभी शुल्क-दर प्रदर्शित किया जाना सहित 13 बिंदु इस चार्टर में शामिल है, जिसका उल्लंघन होने पर आयोग या विभाग को शिकायत की जा सकेगी.
इस अवसर पर, शकुंतला, राकेश गिरी, बृजलाल व कलावती सहित चाइल्डलाइन-1098 से रीना यादव, अभय कुमार व मेहताब आदि लोगों ने अभियान में सहभागिता निभाई.
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