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गोण्डा:भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ने डीजल पेट्रोल पर बढ़ते कीमतों पर डीएम को सौंपा ज्ञापन

विमल

गोण्डा:(मार्क्सवादी), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के संयुक्त तत्वाधान में 16 से 30 जून 2021 तक पेट्रोल-डीज़ल की मूल्यवृद्धि तथा मंहगाई के खिलाफ चल रहे अपने राष्ट्रव्यापी अभियान के अंतिम दिन दिनांक 30 जून 2021 कोे वामदलों ने गोंडा कचेहरी परिसर टिन शेड पर प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित 11 सूत्रीय मांगपत्र जिलाधिकारी गोंडा के माध्यम से भेजा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कोरोना महामारी और लाॅकडाउन/कोरोना कफ्र्यू के चलते लोगों की जान भी संकट में हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब है। सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं कम हैं और प्राईवेट अस्पतालों में मनमानी लूट है।


स्थिति ये है कि सुप्रीम कोर्ट के टोकने के बाद भी सरकार ने निजी क्षेत्र को 25 प्रतिशत वैक्सीन खरीदने की छूट दी है, जबकि चाहिए ये था कि सरकार सारी वैक्सीन खरीद कर सभी के लिए फ्री टीकाकरण सुनिश्चित करती। इलाज मंहगा है और लोगों के पास काम नहीं है। सरकार को स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाकर, मंहगाई, जमाखोरी, काला बाज़ारी पर रोक लगाकर लोगों की आर्थिक मदद करनी चाहिए, पर सरकार ठीक इसका उल्टा कर रही है। लोगों के सामने रोज़ी-रोटी का भीषण संकट बना हुआ है। मनेरगा में भी काम-काज नहीं है। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 5 किलो मुफ्त अनाज काफी नहीं है। सभी ज़रूरतमंद व्यक्तियों को कम से कम 10 किलो अनाज के साथ खाद्य तेल, दाल, चीनी, मसालों और चाय आदि का भोजन किट निःशुल्क उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र मजदूरों के लिए घोषित रू0 1000 मासिक सहायता, सभी पंजीकृत अथवा अपंजीकृत मजदूरों को देनी चाहिए। साथ ही मोदी सरकार को आयकर सीमा के नीचे सभी परिवारों को कम से कम 6 माह के लिए 7500 रुपए प्रति माह देने चाहिए। परन्तु बजाए इसके भाजपा सरकार बेतहाशा मंहगाई बढ़ाने में व्यस्त है। मई में विधान सभा चुनाव के बाद से सरकार पेट्रोलियम उत्पाद के दामों में 21 बार वृद्धि कर चुकी है। पेट्रोल तो पेट्रोल, देश में डीज़ल तक के दाम 100 रूपये प्रति लीटर पार कर चुके हैं। पेट्रोल-डीज़ल में मूल्यवृद्धि के चलते माल ढुलाई मंहगी होती है और इस कारण महंगाई बढ़ कर 11 साल के अपने शीर्ष पर पहुंच गई है। पेट्रोल-डीज़ल के मूल्य में भी लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा केन्द्र और राज्य सरकार के टैक्स का है। इसके अतिरिक्त खाद्य तेल आदि खाने की वस्तुओं के दामों में अप्रैल माह से लगातार बेतहाशा वृद्धि जारी है। साथ ही दवाई से लेकर खाद्य वस्तुओं तक भयानक जमाखोरी और कालाबाज़ारी व्याप्त है। इन्हीं सवालों पर वामपंथी दलों ने 16 से 30 जून तक गोंडा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में पर्चे बांट कर, कोविड नियमों का पालन करते हुए छोटी-छोटी बैठकें कर, विरोध प्रदर्शन आयोजित किये हैं। वामदल मंहगाई, बेरोज़गारी के खिलाफ अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकपा माले के जिला प्रभारी कामरेड जमाल खान तथा संचालन माकपा के कामरेड कौशलेंद्र पांडेय ने किया। सभा को संबोधित करते हुए माकपा के जिला मंत्री कामरेड राजीव ने कहा इन सात सालों आम जनता का उत्पीड़न व शोषण बढ़ा है तथा आम जनता का जीवन अस्त वयस्त हो गया तथा गरीबी व बेरोजगारी बेतहासा बढ़ी है। 

कार्यक्रम में सीताराम वर्मा, मोहम्मद अजीज,  अमित शुक्ला,  मोहर्रम अली,  मोहम्मद अहमद,  संतोषी मौरया, सदानंद गिरि,  मुश्ताक अहमद,  कन्हैया लाल,  गंगाराम गिरि,  हनुमंत लाल,  आनंद गिरि,  बजरंग बली,  छांगुर    आदि उपस्थित रहे।

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