Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

Sant kabir nagar एक्सपायरी डेट' का 'पोषाहार' खाने को मजबूर 'मासूम



सांथा ब्लॉक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता में वितरण के लिए मिला पोषाहार
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। बाल विकास परियोजना के माध्यम से बच्चो व महिलाओं के कुपोषण को दूर करने के लिए बनाया गया है। लेकिन आज के दौर में यह योजनाओं में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है। जो योजना के क्रियान्वयन में बाधा बन रहा है। जबकि राज्य सरकार पोषाहार कार्यक्रम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। फिर भी प्रदेश के मासूम बच्चे और गर्भवती महिलाओं को समय पर पोषाहार नहीं मिल रहा है। और जो मिलने जा रहा है वो भी 'एक्सपायरी डेट' वाला पोषाहार है। इतना ही नहीं आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाली जरुरी दवाएं भी 'एक्सपायरी डेट' की है। इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब समान का पैकेट में इस्पायरी डेट की वैलिडिटी खत्म मिली। केंद्रों पर इतनी ज्यादा अनियमितताएं मिली इससे कही न कही भ्रष्टाचार की बू आ रही है। अधिकतर केंद्रों पर ना तो पीने का पानी है और ना ही साफ सफाई के लिए झाडू व बच्चों के खेलने के लिए खिलौने। इन अव्यवस्थाओं ने एक सवाल जरुर खड़ा कर दिया है। सरकार की ओर से जो बजट हर साल आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए जारी किया जा रहा है उसका उपयोग कहां हो रहा है? ऐसी अव्यवस्थाओं के साथ केंद्र को आदर्श केंद्र कैसे कहा जाएगा? जबकि बदली भाजपा सरकार भ्रष्टाचार से मुक्त प्रदेश बनाने में अग्रसर होने का दावा कर रही है। वितरण के लिए मिले हुए पोषाहार पर कोई भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बोलने को तैयार नही है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे