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आरटीआई एक्ट, एक क्रांतिकारी अधिनियम है: राज्य सूचना आयुक्त

 

गिरवर सिंह  

झांसी: राज्य सूचना आयुक्त उ0प्र0  चन्द्रकांत पाण्डेय ने सर्किट हाउस सभागार में जनपद/मण्डल स्तर के जनसूचना अधिकारियों व प्रथम अपीलीय अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005  एक क्रान्तिकारी अधिनियम है अर्थात ‘‘इन्फोरमेशन इज पावर‘‘ गुड गवर्नेंस के लिए यह एक बहुत बड़ी शाक्ति है।    इसका उद्देश्य सरकारी तन्त्र की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ाना है। 

       उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत जनसूचना अधिकारी बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है, इसलिए प्रत्येक जनसूचना अधिकारी का नैतिक दायित्व है कि आवेदक को निर्धारित समय के भीतर सूचना उपलब्ध कराने में किसी प्रकार की कोताही न बरते, उन्होंने हिदायत दी कि जब स्थानीय स्तर पर ढिलाई बरती जाती है तभी आवेदक को अपील करनी पड़ती है और जनसूचना अधिकारियों को लखनऊ तक जाना पड़ता है इसलिए आवेदक को नियमानुसार सूचना प्राथमिकता पर उपलब्ध करा दें। 

 उन्होंने कहा कि भारत का आरटीआई एक्ट विश्व का श्रेष्ठतम अधिकार है। आवेदक को सूचना उपलब्ध कराना जनसूचना अधिकारी का नैतिक दायित्व है ।

        मा0 राज्य सूचना आयुक्त ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सूचना आयोग स्तर पर लंबित द्वितीय अपील के मामलों में अबिलम्ब कार्यवाही करते हुए सूचित करें, जिससे लंबित अपीलों का निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके।

                 बैठक में संबंधित बिभगो के  अधिकारी मौजूद रहे

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