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श्री राम लला मंदिर परिसर के सौ मीटर दायरे तक नहीं होगा अब कोई नया निर्माण

वासुदेव यादव

अयोध्या:श्री राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम बहुत ही स्लो चल रहा है। इसी बीच अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) ने राम मंदिर निर्माण को लेकर एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत अब राम जन्मभूमि मंदिर के 100 मीटर की दूरी पर कोई नया निर्माण नहीं हो सकता है। इसके अलावा राम जन्मभूमि परिसर के रेड और यलो जोन को सुरक्षित करने के लिए मंदिर परिसर से एक निश्चित दूरी तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध व शर्तें लागू करने का प्रस्ताव लाने जा रही है।


नए भवन बनाने पर पूरी तरह रोक

अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड की ओर से उपाध्यक्ष विशाल सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी की पहली बैठक की गई।जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में एक ओर जहां राम जन्मभूमि परिसर के आस-पास के क्षेत्र को विकसित किए जाने की तैयारी पर विचार किया गया। वहीं इस बैठक में निषेधाज्ञा का नया मानक भी निर्धारित किया गया।

इसके तहत अब राम जन्मभूमि परिसर के 100 मीटर की परिधि में नए भवन निर्माण को पूरी तरह से वर्जित कर दिया गया है। हालांकि पहले से स्थित पुराने भवनों का जिलाधिकारी के अनुमति से मरम्मत करवाया जा सकेगा।


सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा को ध्यान में रखकर विकास प्राधिकरण ने 100 मीटर तक नए निर्माण पर रोक लगा दिया है। इसके आगे 200 मीटर तक 12.5 मीटर ऊंची कोई बिल्डिंग नहीं बन सकेगी। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर का यह 300 मीटर सुरक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जल्द ही इस पूरे प्रस्ताव को शासन को भेजने के साथ निषेधाज्ञा लागू होगी। 


राम लला परिसर के निकटवासी है परेशान


राम लला परिसर के इर्द गिर्द वर्षो से रहने वाले परेशान है। कई सन्त महंत व गृहस्थ को कष्ट है कि कहि हम उजड़ न जावें क्योकि यहां पर ट्रस्ट जमकर भूमि खरीद रही है। ये लोग देने को तैयार ही नही है क्योकि ये यहां पर गत 100 वर्षो से रहते है।। ट्रस्ट द्वारा भूमि खरीद में दलाली, कमीशनखोरी करप्शन विपक्षी दलों ने लगाया तो अब जमीन खरीद की स्पीड सुस्त है। 


 ट्रस्ट 67 से अब 108 एकड़ भूमि परिसर के निकट लेने हेतु जुटी है। ताकि हर व्यवस्था यही भक्तो को दे सकें। लेकिन सब अयोध्यावासी देने को तैयार ही नही है। ट्रस्ट द्वारा अयोध्या में जमीन खरीदने और विपक्षी दलों द्वारा उन पर कमीशन खोरी व दलाली की बात मीडिया में उठाए जाने पर जमीन खरीद अब बहुत ही सुस्त हो गई है। लाखो की जमीन ट्रस्ट करोड़ो में खरीदती थी। उनके गवाह भी फिक्स थे। अतः उन पर उंगली लाजिमी था। अयोध्या के सन्तो व नेताओ ने जांच की मांग की है क्योंकि जनता ने चन्दा मन्दिर निर्माण हेतु दिया है जमीन खरीदने हेतु नही।

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