रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। एक दारोगा की संवेदन हीनता मार्ग दुर्घटना में मृतक के परिजनों पर भारी पड़ रही है। पीड़ित परिवार ने कोतवाली में तहरीर नहीं दी और पुलिस ने बिना तहरीर के ही मुकदमा पंजीकृत कर लिया। फिर कार से हुई दुर्घटना को ट्रक से दिखाया, उसके बाद मुकदमे में चार्जसीट की जगह फाइनल लगा कर फाइल ही बन्द कर दिया। पीड़ित परिवार न्याय के लिए भटक रहा है। विगत 18 जनवरी 21 को गोंडा लखनऊ मार्ग पर ग्राम जहांगिरवा रेलवे क्रॉसिंग के पास एक तेज रफ्तार कार की टक्कर से राजकुमार 35 वर्ष निवासी ग्राम त्रिलोचनपुर रेंवारी थाना करनैलगंज की मौके पर मौत हो गई थी। जिसकी सूचना पाकर मौके पर पहुंचे परिजनों ने शव को लेकर पोस्टमार्टम कराने चले गए। मौके पर पहुंचे भभुआ चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार गंगवार ने मृतक के भाई रामू एवं चार अन्य लोगों के हस्ताक्षर पंचनामा पर करवाया। पीड़ित रामू का कहना है कि उसने यह कहकर तहरीर नहीं दिया की पोस्टमार्टम कराने के बाद जब वापस आएंगे तब कोतवाली में तहरीर दिया जाएगा। मगर यहां पुलिस ने अपना कारनामा दिखा दिया। रामू के नाम की तहरीर कोतवाली में भेज कर दुर्घटना में शामिल कार के बजाय अज्ञात ट्रक से साइकिल सवार की मौत होने की एफआईआर दर्ज करवा दी। रामू का कहना है कि वह अपने भाई का शव लेकर पोस्टमार्टम कराने चला गया था। देर शाम को वापस आने के बाद वह शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए चला गया। दूसरे दिन जब वह तहरीर लिखवा कर कोतवाली पहुंचा तो उसे बताया गया कि इसकी रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। उसका आरोप है कि कार चालक व कार को दुर्घटना में शामिल न दिखाकर पुलिस ने अज्ञात ट्रक को दिखा दिया और बिना उसके हस्ताक्षर के ही तहरीर लिखवा कर मुकदमा पंजीकृत कर लिया। जबकि वह कोतवाली तक गया ही नहीं था। मजे की बात तो यह रही कि भम्भुआ चौकी प्रभारी ने विवेचना में पहले कार की जगह ट्रक बताया बाद में फाइनल रिपोर्ट लगा कर मामले को दबा दिया। जिसपर पीड़ित ने सीओ मुन्ना उपाध्याय व नए कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह से मिलकर चार प्रत्यक्षदर्शियों के शपथ पत्र के साथ दुर्घटना की फोटो व गवाहों को पेश किया है। कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी है दुर्घटना में साक्ष्य भी हैं। पुनः विवेचना कराकर पीड़ित को न्याय दिलाया जाएगा।
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