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गोण्डा: ब्रह्मलीन संत अबैद्यनाथ की पुण्यतिथि के अवसर पर हुआ समरसता भोज का आयोजन

बी पी त्रिपाठी

गोंण्डा 17सितबर। विश्व हिंदू महासंघ (गौरक्षा-प्रकोष्ठ)के जिला अध्यक्ष सुधीर प्रधान के नेतृत्व में जिला कार्यालय सिंह गेस्ट हाउस में ब्रह्मलीन संत अवैध नाथ जी के सातवीं पुण्य तिथि के उपलक्ष में समरसता भोज का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में  जिला अध्यक्ष सिद्धार्थ नगर से पधारे अखंड प्रताप सिंह को जिला प्रभारी अतुल कुमार श्रीवास्तव ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया।विशिष्ट अतिथि मंडल प्रभारी अंबिका प्रसाद श्रीवास्तव एवं अजय कुमार शुक्ला ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।संगठन के लोगों द्वारा ब्रह्मलीन संत अवैध नाथ महाराज के चित्र पर माल्यार्पण एवं श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया गया। इस दौरान मंडल प्रवक्ता बसंत कुमार श्रीवास्तव ने महंत अवैध नाथ जी के सामाजिक समरसता के मूल मंत्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महंत जी सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे।योग दर्शन के मर्मज्ञ महंत जी के राजनीति में आने का मकसद हिंदू समाज की कुरीतियों को दूर करना और राम मंदिर आंदोलन को गति देना रहा था।हिंदू धर्म में ऊंच-नीच दूर करने के लिए उन्होंने लगातार सहभोज के आयोजन किए।इसके लिए उन्होंने बनारस में संतों के साथ डोमराजा के घर जाकर भोजन किया और समाज की एकजुटता का संदेश दिया।जिला अध्यक्ष सुधीर प्रधान ने बताया कि हिंदू समाज की एकता ही उनके प्रवचन में केंद्र होती थी।वे बोलते समय इतिहास एवं रामचरितमानस का सहारा लेते थे।श्री राम का शबरी,जटायु निषाद राज व दर्जनों से व्यवहार का उदाहरण देकर,दलित गरीब लोगों को गले लगाने की प्रेरणा देते रहें।मंडल प्रभारी अंबिका प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि गोरख पीठ पर गुरु गोरखनाथ के प्रतिनिधि के रूप में सम्मानित संत को महंत की उपाधि से अलंकृत किया जाता है।उन्होंने बताया कि महंत अवैद्यनाथ ने वाराणसी एवं हरिद्वार में संस्कृत का अध्ययन किया था।वे सरस्वती माता के कृपा पात्र थे।वह संस्कृत के शास्त्री थे।नगर अध्यक्ष इंजीनियर पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि महंत जी महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अतिरिक्त अन्य शैक्षिक संस्थाओं के अध्यक्ष  एवं मासिक पत्रिका योगबाणी के संपादक रहे।महंत अवैद्यनाथ ने प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ना केवल अपना उत्तराधिकारी घोषित किया बल्कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ को 1998 में सबसे कम उम्र का सांसद बनने का गौरव दिया था।बाद में योगी आदित्यनाथ ने हिंदू वाहिनी का गठन किया जो युवाओं को धार्मिक बनाने के लिए प्रेरणा देती रही है।उक्त अवसर पर मंडल प्रभारी अधिवक्ता प्रकोष्ठ अवधेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि महंत जी का जन्म 1921 को ग्राम काण्डी जिला पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड में श्री राज सिंह बिष्ट के घर हुआ था। उनके बचपन का नाम श्री कृपाल सिंह बिष्ट था और कालांतर में अवैध नाथ बनकर भारत के राजनेता तथा गुरु गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर के रूप में प्रसिद्ध हुए। जिला प्रभारी अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने हिंदू धर्म की अध्यात्मिक साधना के साथ सामाजिक हिंदू साधना को भी आगे बढ़ाया और सामाजिक जन जागरण को अधिक महत्वपूर्ण मानकर हिंदू धर्म के सोशल इंजीनिरिंग पर बल दिया।

   उक्त अवसर पर विभिन्न प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के अतिरिक्त प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भोलानाथ सोनी, जिला अध्यक्ष मुख्य प्रकोष्ठ प्रकाश आर्य,सुशील कुमार पांडे, अशोक कुमार पांडे,मुकेश श्रीवास्तव,कृष्ण गोपाल श्रीवास्तव,सुमित श्रीवास्तव सहित सैकड़ों पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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