रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से 35 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है।
बेमौसम हुई बरसात ने घाघरा में बाढ़ की स्थिति दोबारा पैदा कर दी है। लगातार घाघरा का जलस्तर बढ़ने से बांध पर बसे लोगों व बांध के किनारे वाले गांवों में पलायन की स्थिति बन गई है।
नेपाल की पहाड़ियों व उत्तराखण्ड में हुई भारी बरसात सहित घाघरा के कैचमेंट वाले इलाकों में हो रही बरसात के चलते घाघरा से जुड़े गिरिजा, शारदा व सरयू बैराज उफान पर है।
जिससे इन बैराजों से घाघरा में पानी छोड़े जाने का क्रम लगातार जारी है। घाघराघाट एल्गिन ब्रिज स्थित केन्द्रीय जल आयोग संस्थान से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार बुधवार सुबह 6 बजे जहां घाघरा खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर नीचे थी तो वहीं आठ बजते बजते जल स्तर बढ़कर खतरे के निशान से मात्र एक सेंटीमीटर नीचे रह गया।
दस बजे के आंकड़े और चौंकाने वाले थे। दस बजे प्राप्त आंकड़ो के अनुसार नदी का जलस्तर बढ़कर 106 दशमलव 226 पर पहुंच गया।
अब नदी डेंजर लेबल से 15 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच चुकी है। तो वही सुबह के आठ बजे तक गिरजा, शारदा व सरयू बैराजों का कुल डिस्चार्ज 6 लाख 83 हजार 922 क्यूसेक दर्ज किया गया।
जिसमें अकेले गिरजा बैराज से ही 4 लाख 70 हजार 800 क्यूसेक का डिस्चार्ज हो रहा है। तो वहीं शारदा बैराज से 2 लाख 5 हजार 177 क्यूसेक का डिस्चार्ज जारी है।
दस बजते बजते बैराजों का डिस्चार्ज बढ़कर 6 लाख 93 हजार 80 क्यूसेक पर जा पहुंचा है। इतने बड़े पैमाने पर घाघरा में हो रहे डिस्चार्ज को देखते हुए प्रशासन व बाढ़खण्ड एलर्ट मोड पर आ चुका है।
अभियंताओं की कई टीमें बांध की निगरानी में लगाई गयी है। जो खतरे का आंकलन करके उच्चाधिकारियों को अवगत करवा रही है। बांध नदी के बीच में बसे नकहरा, मांझारायपुर, नैपुरा व परसावल जैसे गांवों के लोग एक बार फिर बांध पर पलायन को मजबूर है।
जानकारों का कहना है कि अभी आने वाले कुछ दिन यह समस्या बनी रहेगी। अभी घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर जाने की संभावना बताई जा रही है।
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