कमलेश जायसवाल/हरीश अवस्थी
बड़े वाहनों के आवागमन को किया गया बंद
लखीमपुर:धौरहरा इलाके में लगातार चार दिनों से जारी शारदा नदी का पानी क्षेत्र के करीब डेढ़ सौ गांवों में भारी तबाही मचा रहा है।जहां घरों में शारदा नदी का पानी भर जाने से ग्रामीण सड़कों पर अपनी ग्रहस्ती के साथ खुले आसमान के नीचे राते गुजारने को मजबूर है वहीं पीलीभीत बस्ती स्टेट हाइवे पर करीब तीन किलोमीटर की जद में बह रहे पानी की वजह से हाइवे भी काटने की कगार पर है।जिससे लोगो का मुख्यालय से संपर्क टूट रहा है।हालांकि प्रशासन ने हाइवे को बचाने के लिए भारी वाहनों का प्रवेश बन्द करा दिया है।जबकि सड़क को लेकर लगातार खतरा बरकरार है।ईसानगर इलाके के खनवापुर गांव के पास करोड़ो की लागत से बना बांध फट जाने से गांव में तबाही का मंजर है।तीब्र धार की जद में आकर कई घर गिर गए है।यही नही इलाके के कई गांवों में मार्ग कट जाने से ग्रामीणों का कस्बों से संपर्क टूट गया है।जबकि रैनी गांव के पास बाढ़ खंड से बनाया गया बंधा करीब 300 मीटर तक धस जाने के कारण लोगों में दहसत हो चली है।वहीं तहसील प्रशासन भी बाढ़ पीड़ितों को कोई इमदाद नही दे पा रहा है।जिससे बाढ़ पीड़ित भूख प्यास से बिलविला रहे है।बनबसा डैम से शारदा नदी में छोड़े गए पांच लाख से अधिक पानी ने धौरहरा तहसील में तबाही मचा दी है।
बाढ़ के पानी की जद में करीब डेढ़ सौ गांव के ग्रामीणों में हाहाकार मचा हुआ है।इलाके के जसवंतनगर, लुधौनी,आशापुरी,भिठौली,नई बस्ती,रेहरिया,नैवापुर समेत करीब डेढ़ सौ गांव पूरी तरह शारदा के कहर का शिकार है।
लुधौनी गांव में अधिक पानी भर जाने के कारण लोग अपनी ग्रहस्ती समेत पीलीभीत बस्ती हाइवे पर तिरपाल डालकर रहने को विवश है।पीड़ितों का कहना है कि गांव में पानी भर जाने के कारण जानवरों को भी काफी समस्या है।वहीं खेतों से चारे के अभाव हो गया है।कुछ लोग तो अपने जानवरो के साथ पलायन भी कर चुके है।जबकि पीलीभीत बस्ती मार्ग पर जनपद सीतापुर के भदीफर से लेकर खानीपुर तक करीब तीन किलोमीटर के दायरे में हाइवे पर तीन फीट पानी चल रहा है।जिससे हाइवे के कटने का खतरा बढ़ गया है।हालांकि प्रशासन ने भदीफर में बेरीकेडिंग लगाकर बड़े वाहनों का प्रवेश रोक दिया है। वहीं ईसानगर के खनवापुर में पिछले महीने कटे बांध के कारण तबाही का मंजर है।
लोगो का कस्बो से संपर्क टूट गया है।जबकि रैनी गांव के समीप बाढ़ से लोगो को बचाने के लिए बनाए गये बांध में दरार पड़ गई है।जिससे लोगो मे दहसत है।फिलहाल धौरहरा तहसील में जारी शारदा नदी का कहर अब लोगो पर भारी पड़ने लगा है।लेकिन तहसील प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को लंच पैकेटों के सिवाय अन्य कोई मदद नही पहुंचा पा रहा है।
बाढ़ पीड़ित गांव में गिरे घर,एक महिला बाल बाल बची
ईसानगर क्षेत्र के गांवों में भरा पानी अब कच्चे मकानों के लिए मुसीबत बनने लगा है। शुक्रवार को मिश्रगाव जमदरी में मिट्टी की दीवाल समेत छप्पर का घर गिरने से श्यामकली पत्नी श्यामलाल दब गई जिनको देख लोगों ने आनन फानन में मिट्टी छप्पर हटाकर समय रहे बाहर निकाल लिया जिसके चलते उनकी जान बच गई।
इसकी जानकारी देने के लिए लोगों ने हल्का लेखपाल से सम्पर्क करने की कोशिश की पर वह लोगों का दर्द जानने समझने के लिए फोन तक उठाना मुनासिब नहीं समझे। वहीं दूसरी ओर खनवापुर गांव में शिव कुमार सिंह,रानी देवी,रामनरेश समेत आधा दर्जन लोगों के कच्चे घर गिर गए जिसको देखने समझने के लिए किसी के पास समय नहीं मिल सका।
ईसानगर क्षेत्र के खमरिया कला में प्राथमिक विदयालय के करीब बने तालाब में अचानक मगरमच्छ दिखाई पड़ने से लोगों में दहशत व्याप्त हो गई।
अभिभावकों ने मगरमच्छ को देखने के बाद वन विभाग को सूचना दी पर देर सायं तक वन विभाग वहाँ तक नहीं पहुच पाया। इस दौरान स्कूल में मौजूद बच्चों के अभिभावकों ने बच्चों के लिए खतरा समझते हुए समस्त बच्चों को स्कूल से घर ले आये। इस बीच शोर शराबा सुनकर मगरमच्छ गहरे तालाब में जाकर छुप गया। वहीं दूसरी ओर बाढ़ ग्रस्त खनवापुर गांव के बाहर बने बंधे पर बसे लोगों को पानी मे तैरते हुए मगरमच्छ दिखाई पड़े जिसकी वजह से बंधे पर मौजूद लोगों में डर व खौफ छाया हुआ है।
मूसेपुर गांव में फसल देखकर घर आ रहे युवक को सांप ने डसा हालत गंभीर
शुक्रवार को ईसानगर क्षेत्र के बाढ़ ग्रस्त गांव मूसेपुर निवासी 28 वर्षीय लतीफ पुत्र अब्बास पानी को पार कर खेतों में लगी धान की फसल देखकर वापस आ रहे थे कि बीच राह में पानी मे निकले सांप ने उन्हें डस लिया जिससे देखते ही देखते उनकी हालत बिगड़ने लगी। जानकारी पामर परिजनों ने उनको सीएचसी खमरिया में लाये जहां हालत गंभीर देख उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां उसका इलाज जारी है।
धान की फसल लादकर घर जा रहा ट्रैक्टर ट्राली डूबा,ट्राली पर चढ़कर चालक की बची जान
बनबसा बांध से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के अचानक गांवों में घुसने से हालात बद से बत्तर होते जा रहे है। किसानों को यह समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें क्या न करें। गुरुवार को मूसेपुर में रामकुमार खेत मे काटी पड़ी धान की फसल उठाने के लिए ट्रैक्टर ट्राली लेकर गए थे। कटी फसल ट्राली में लादकर उनका ड्राइवर वापस घर आ रहा था कि बीच राह में अचानक बढ़े पानी मे ट्रैक्टर ट्राली डूब गया। ट्रैक्टर को डूबता देख ड्राइवर ट्रेक्टर छोड़ ट्राली पर चढ़कर किसी तरह अपनी जान बचाई। यही हाल बसढ़ीया में भी रहा जहां शुक्रवार को खमरिया जाने वाली सड़क किनारे खेत मे काटी पड़ी धन की फसल ट्रेक्टर ट्राली में लादकर जैसे ही बाहर निकलने की कोशिश हुई वैसे ही परेवा की तरफ से आये पानी मे ट्रैक्टर ट्राली फंस गए जो इसी तरह खड़े के खड़े रह गए।
रेहरिया में भूख प्यास मिटाने के लिए लोग नाव का ले रहे सहारा
क्षेत्र में तीन तीन नाव दुर्घटनाएं होने के बाद भी शारदा नदी के सैलाब में फंसे लोग भूख प्यास बुझाने के लिए नाव का सहारा ले रहे है। शुक्रवार को एनएच 730 पर लंच पैकेट बंटने की जानकारी पाकर गांव में फंसे दर्जनों लोग शुद्ध पानी व लंच पैकेट लेने के लिए नाव पर सवार होकर लोगों को हाइवे तक मजबूरन आना जाना पड़ रहा है।
लुधौनी में चीनी मिल ने पहुचाया पानी का टैंकर
एनएच 730 पर ईसानगर क्षेत्र के लुधौनी गांव के करीब 700 बाढ़ पीड़ितों के लिए मिल प्रबन्धक आलोक सक्सेना ने लोगों को पाइन के लिए शुद्ध पानी का एक टैंकर भेजा। पानी का टैंकर पहुचते ही शुद्ध पानी लेने के लिए लोगों की लाइन लग गई। जिससे लोगों को शुद्ध पानी नसीब हो सका।
एनएच 730 बन्द होने से बैंकों में नहीं हुआ लेनदेन
शुक्रवार को एनएच 730 पर भदफ़र के पास हाइवे पर कई फुट पानी चलने से कटे हाइवे को देख प्रशासन ने दोनो तरफ से सड़क को ब्लॉक करवा दिया जिसकी वजह से खमरिया,कटौली समेत क्षेत्र की अन्य जगहों पर जिला मुख्यालय से बैंक कर्मी बैंकों को नहीं पहुच सके जिसके चलते बैंकों में क्षेत्रीय कर्मचारी केवल बैंक खोलकर बैठे रहे पर लेनदेन नहीं हो सका। बैंकों में लेनदेन न होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ गया। इस दौरान एक क्षेत्रीय बैंक कर्मी ने बताया कि ऊपर से आदेश था पर सड़क बन्द होने के चलते साहब लोग नहीं आ पाए जिसकी वजह से लेनदेन बाधित रहा।
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