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प्रभु की आराधना में है जीवन का पुण: आचार्य अरुण

एस के शुक्ला

प्रतापगढ़। लालगंज क्षेत्र के लक्ष्मणपुर पूरे बेसी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में कथा श्रवण को रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कथा व्यास आचार्य पंडित अरुण त्रिपाठी जी महराज ने कहा कि भगवान की आराधना का वही स्वरूप फलीभूत हुआ करता है, जिसमें निश्छलता के साथ ही कल्याण की कामना हुआ करती है। उन्होने कहा कि भगवान ही सबके भाग्य के रचयिता हैं। 


मानव के जन्म से ही भगवान उसके भाग्य का सृजन किया करते हैं। आचार्य अरुण त्रिपाठी जी ने कहा कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने सद्मार्ग का बोध कराते हुए मानव जीवन को कर्म के आधार पर भी जीवन की सुमंगल संरचना का सुअवसर दिया है। 


उन्होने कहा कि प्रभु सदैव कृपालु व दयालु हैं। कथा व्यास ने कहा कि भक्ति साधना का मार्ग सबसे सरल हुआ करता है, किंतु भक्ति में भाव तथा प्रभु के प्रति समर्पण को प्रधानता होनी चाहिए। 


मुख्य यजमान रमाकांत त्रिपाठी व सावित्री देवी ने कथा व्यास का रोली चंदन से श्रीअभिषेक किया।


इस मौके पर अंबिका प्रसाद, देवानंद मिश्रा, रामराज पांडेय, शिव नारायण, उदयराज पांडेय, राम शिरोमणि, संत प्रसाद, राम प्रताप, भानु प्रताप आदि मौजूद रहे।

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