आखिर क्यों नहीं जा रही जिम्मेदारों की नजर
कालाबाजारी पर कैसे लगेगी रोक जब प्राइवेट कर्मचारी द्वारा कराई जाएगी उठान
बी पी त्रिपाठी
गोंडा 26 अक्टूबर। जनपद के विकासखंड पंडरी कृपाल अंतर्गत बहराइच रोड स्थित खाद्य एवं रसद विभाग का गोदाम है जिस पर गोदाम प्रभारी के पद पर अमृतेश गुप्ता की नियुक्ति है ।
लेकिन गोदाम प्रभारी स्वयं गोदाम पर न रहकर प्राइवेट कर्मचारी द्वारा कोटेदारों को खाद्यान्न की उठान कराते हैं और करा रहे हैं।
उक्त बातें नाम ना छापने की शर्त पर एक कोटेदार ने बताया कि यह कोई एक-दो दिन नहीं जबसे इनकी नियुक्ति हुई है तभी से यह खालिद वारसी नाम के व्यक्ति से खाद्यान्न की उठान का कार्य करा रहे है ।
उक्त व्यक्ति गोदाम प्रभारी बनकर कोटेदारों को खाद्यान्न की उठान कराता है और कोटेदारों से ₹10 प्रति कुंटल के हिसाब से पल्लेदारी व रूपए 500 अतिरिक्त कोटेदार से वसूल करता है और खाद्यान्न में भी घटतोली करता है व गोदाम पर कोटेदारों से खाद्यान्न खरीद का भी काम करता है।
पीड़ित कोटेदारों का कहना है कि शासन की मंशा अनुसार खाद्यान्न की कालाबाजारी पर कैसे रोक लगेगा जब इस तरह से गोदाम प्रभारी द्वारा नियुक्त कर्मचारी द्वारा हम से अवैध वसूली और घटतोली की जाएगी तो हम कैसे घटतोली नहीं करेंगे।
सारा प्रशासन हम ही को चोर साबित करने में लगा हुआ है जबकि गोदाम प्रभारियों द्वारा घटतोली व अवैध वसूली की जा रही है और कालाबाजारी की मेन जड़ गोदाम से ही निकलती है।
यह सभी जानते हैं फिर भी सारी कार्यवाही हम पर ही की जाती है गोदाम प्रभारियों पर क्यों नहीं। इसे प्रशासन की मिलीभगत कहें या मेहरबानी आखिर क्यों।
इस पर जब गोदाम प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम खाद्य रसद कार्यालय में हैं और उक्त व्यक्ति की नियुक्ति है उक्त नियुक्ति के बारे में जब हमारे संवाददाता ने जानकारी चाही तो उन्होंने धान खरीद क्रय केंद्र पर उक्त व्यक्ति की नियुक्ति का आदेश भेजा जोकि 1 नवंबर 2021 से लागू होगा।
अब सवाल यह उठता है कि जब उक्त व्यक्ति की नियुक्ति 1 नवंबर 2021 से है और धान क्रय केंद्र पर है तो उक्त व्यक्ति खाद्यान्न उठान कैसे करा रहा है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ है।
उक्त प्रकरण पर जब जिलापूर्ति अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में कल तक व्यस्त हैं कल के बाद जांच कराकर अगर ऐसा है तो कार्यवाही करेंगे।
उक्त प्रकरण पर जब उप जिलाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा। अब देखना यह है कि मामला प्रकाश में आने के बाद क्या जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करेंगे या मामले को यूं ही किंतु परंतु में निपटा देगे।
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