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शारदा का पानी रुका,लेकिन कम नही हुई पीड़ितों की समस्याएं

अभी भी दो लाख की आबादी जलमग्न

पानी से सैकड़ो एकड़ बर्बाद हुई धान की फसल

कागजों पर रेवड़ियां बांट रहा है तहसील प्रशासन

हरीश अवस्थी

लखीमपुर-खीरी:जनपद खीरी की तहसील धौरहरा क्षेत्र में  पिछले चार दिनों से जारी शारदा नदी के पानी का कहर शनिवार को कुछ कम हो गया है।


लेकिन बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं कम होने का नाम नही ले रही है।घरों में चार फीट तक भरा पानी,सड़कों पर तिरपाल के साथ किनारे बंधे जानवरों को लेकर पीड़ितों में अभी भी दहसत है।


ऐसे में जहाँ पीड़ितों में जानवरों के चारे को लेकर संकट उत्पन्न है वहीं बाढ़ की भेंट चढ़कर बर्बाद हुई सैकड़ो एकड़ धान,गन्ने व केले की फसल को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खिंची हुई है।लेकिन प्रशासन अन्नदाताओं की इस गंभीर समस्या से मुंह फेरे है।


अक्टूबर में भारी बरसात के कारण बनबसा डैम से शारदा नदी में डिस्चार्ज हुआ करीब पांच लाख क्यूसेक पानी ने धौरहरा तहसील की करीब दो लाख आबादी में भारी तबाही मचा दी है।किसानों की देखते देखते ही खेतो में तैयार खड़ी फसल विनाशकारी जल त्रासदी की भेंट चढ़ गई।रातों रात निकले पानी ने तहसील क्षेत्र के करीब डेढ़ सौ ग्राम सभाओं की आबादी में हाहाकार मचा दिया।लोग अपनी जान बचाकर घरों से सड़कों पर आ गए।


ग्रामीणों की माने तो शारदा नदी से निकला पानी फसलों की बर्बादी लिखता हुआ कब रिहायशी इलाकों में पहुंच गया लोगों को पता तक नही चला।सरकारी आंकड़ों की बात करें तो तहसील धौरहरा में कुल एक सौ सोलह गांव ही बाढ़ ग्रस्त है।


जबकि नब्बे फीसदी गांव में शारदा के पानी ने सैकड़ो एकड़ खड़ी फसलों पर बर्बादी की मुहर लगा दी है।फसलें पानी मे बर्बाद होने के बाद किसानों के सामने एक और विकट समस्या खड़ी हो गई है।अब उनके लिए अन्न का संकट गहरा गया है।धौरहरा तहसील के लुधौनी,जसवंतनगर के समीप पीलीभीत बस्ती स्टेट हाइवे पर तिरपाल डालकर गुजर कर रहे पीड़ितों ने बताया कि पिछले चार दिनों से सहायता के नाम पर सिर्फ अस्वासन ही मिला है।


भूख व प्यास से बिलविला रहे बच्चों को भरपेट भोजन के भी लाले पड़े है।ऊपर से दिन की तेज धूप व रात की ठिठुरन वाली ओस से बच्चे बीमार हो रहे है।खेतो में खड़ी धान,केले व गन्ने की फसल बर्बाद हो चुकी है।लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी मदद तो दूर हाल चाल लेने तक नही पहुंचा है। 



गांवों में  ग्राम प्रधानों के सहयोग से लन्च पैकेटों का वितरण करवाया जा रहा है जो पर्याप्त नहीं है। फिलहाल बाढ़ की भीषण त्रासदी का शिकार हुए ग्रामीण पानी कम होने के बाद भी सहमे हुए है।

महज फ़ोटो खिंचाने तक ही सीमित है धौरहरा का तहसील प्रशासन

तहसील क्षेत्र में शारदा नदी की भीषण बाढ़ से जहाँ करीब दो लाख की आबादी बेघर है।


वहीं बाढ़ पीड़ितों की सहायता के नाम पर प्रशासन महज फोटो खींचकर सोशल मीडिया में वायरल करने तक ही सीमित रह गया है।हालांकि सीओ धौरहरा लगातार पीड़ितों के बीच जाकर उनका हालचाल ले रहे है।


बीते चार दिनों से शारदा नदी के पानी से लखपेड़ा, ख़नवापुर, ऐरा, मिदनिया, डेबर,मिश्रगाव, बेनीपुरवा,कंचनपुरवा,चकदहा, ओझापुरवा,बेलागढ़ी,पोखरा,लौकाही मल्लापुर,मांझा सुमाली , साधुवापुर,मिलिक,परसा , कैरातीपुरवा,जमदरी,ओझापुरवा,गौढ़ी, मिर्जापुर,लुधौनी, जसवंत नगर,भिठौली,मटहनी,बसहिया,बसढिया,घासीपुरवा,बेबहा समेत कई दर्जन गांव भीषण बाढ़ की चपेट में है।जिन्हें भरपेट खाने तक के लाले पड़े है। हां कुछ गांवों में तिरपाल व पानी की पिपिया देकर तहसील प्रशासन सोशल मीडिया पर वाहवाही लूट रहा है।

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