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अयोध्या दीपोत्सव से दो दिन पहले सरकार व धर्माचार्य गण आमने- सामने


अयोध्या के सौ संतों के आश्रम उजाड़ने का जारी हुआ आदेश, मुख्यमंत्री से मिले महंत

वासुदेव यादव

अयोध्या। श्रीराम नगरी अयोध्या के रामकथा पार्क में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर संतों को उजाड़ने के फरमान को निरस्त करने की मांग करते श्रीरामवल्लभाकुंज के प्रमुख अधिकारी स्वामी राजकुमार दास महराज आदि ने की है।


अयोध्या में सौ संतों के आश्रम को उजाड़ने का आदेश योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लिया है। इससे अयोध्या के महंतों में बहुत गुस्सा है। 


उन्होंने सीएम योगी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। सीएम से आश्वासन नहीं मिलने पर महंतों ने पर्यटन मत्री नीलकंठ तिवारी को बुलाया और उनसे अपनी बात रखी और नराजगी जताई।


अयोध्या के सभी बड़े महंत गुस्से से लाल

यह आदेश  अयोध्या में वर्षो से जमे रहे और खूब मलाई खाने वाले पूर्व जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने जारी किया था जो अब सामने आया है।


उनके एक फरमान से सरयू के तट पर तपस्या करने वाले एक सौ संतों व इतने की अन्य नागरिकों की कुटी उजड़ने जा रही हैl इससे अयोध्या के सभी बड़े महंत गुस्से से लाल हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रविवार को इस संबंध में रामकथा पार्क में ज्ञापन देकर इसे निरस्त करने की मांग की।


सीएम से स्पष्ट आश्वासन न मिलने पर महंतों ने पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी को बुलायाl जब वे भी बात न सुन आगे बढ़ने लगे तो महंत लाल हो गए और उन्हें घेर अपनी कड़ी नाराजगी जताई।

कार्यक्रम के समापन के बाद प्रमुख महंतों की ओर से सीएम को ज्ञापन दिया गया

रामकथा पार्क में रामायण कान्क्लेव के समापन समारोह में सीएम की मौजूदगी में महंतों को आमंत्रित किया गया था। 


इस अवसर पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास शास्त्री, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, दशरथ महल के महंत विंदुगद्र्याचार्य महंत देवेंद्रपसादाचार्य, श्रीरामवल्लभाकुंज के प्रमुख व सरयू आरती समिति के संरक्षक स्वामी राजकुमार दास, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, रामकचेहरी के महंत शशिकांत दास आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम के समापन के बाद सीएम को ज्ञापन दिया गया।


नाराज महंतों ने पर्यटन मंत्री को बुलाकर चेतावनी दे डाली

सीएम के आगे बढ़ने के बाद पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास शास्त्री ने बुलाया।


 पर वे महंत के बुलाने के बाद आगे बढ़ गए तो महंत अपने शीर्ष महंत का अपमान होते देख भड़क उठे और पर्यटन मंत्री को बुलाकर चेतावनी दे डाली।


 महंत राजकुमार दास ने कहा कि अयोध्या तीर्थ है और संत उसकी पहचान हैंl यदि संतों को उजाड़ा गया तो प्रभारी मंत्री होने के नाते उन्हें इसका गुस्सा झेलना पड़ेगा।


इस पर पर्यटन मंत्री ने समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया तो महंत शांत हो सके। इस बीच महंतों के अचानक इस रुख से अधिकारी पसीने -पसीने हो गए।



शीर्ष महंत का अपमान होते देख भड़क उठे, सहायक अभिलेख अधिकारी अयोध्या के गत 18 अगस्त के आदेश को महंतों ने एक पक्षीय अवैधानिक व अन्यायपूर्ण बता अविलंब निरस्त किए जाने की मांग की है। 


महंतों का कहना है कि सहायक अभिलेख अधिकारी आदेश पारित करने में न ही उत्तर प्रदेश नगर क्षेत्र जमीनदारी विनाश व भू - सुधार अधिनियम की व्यवस्था और न ही न्यायलय के निर्णयों का ही कोई संज्ञान लिया। 


संतों का आरोप हैं कि पूर्व एक सप्ताह पहले हटाए गए अयोध्या के डीएम ने अपनी बात न मानने पर नाराज होकर संतों को उजाड़ने का यह आदेश दे दिया है।


महंतों को मनाने के लिए उनसे वर्तमान डीएम नीतिश कुमार जुटे

इस आदेश से सरकार व सीएम से जुड़े खास महंत भी बहुत नाराज है जिससे शासन-प्रशासन की चिंता बढ़ गई है और महंतों को मनाने के लिए उनसे वर्तमान डीएम नीतिश कुमार व उनकी टीम सम्पर्क कर रही है ।


पर उन्हें समाचार लिखे जाने तक अभी कोई भी सफलता नहीं मिल सकी हैl एक नवंबर से ठीक पहले शासन व महंत आमने- सामने दिखाई पड़ रहे हैं।

श्रीरामवल्लभाकुंज के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने पूर्व डीएम अनुज कुमार झां की सम्पत्तियों की जांच की मांग की

पूर्व डीएम अनुज झा पर बरसे महंत और उनकी जांच की मांग की

महंत राजकुमार दास सहित महंतों को कहना है कि पूर्व डीएम अनुज कुमार झा के एक अत्याचार पूर्ण आदेश से महंत नाराज हैं। इस अधिकारी ने अपने प्रभाव व पद का दुरुपयोग कर अपने रिश्तेदारों के नाम अयोध्या में अवैध सम्पत्ति अर्जित की है जिसकी जांच कराकर उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की हैl बताते चले कि सहायक अभिलेख अधिकारी की ओर से गत 18 अगस्त को पारित आदेश में जो कि ग्राम मीरापुर पर हवेली तहसील सदर जिला अयोध्या के गाटा 34 खातेदारों का नाम निरस्त करने के सम्बन्ध में एक पक्षीय किया है।


यह संत समाज से सम्बन्धित है जिनके मकान मंदिर स्थान दि ग्राम मीरापुर द्वारा माझा में गाटा संख्या में स्थित है। ग्राम मोरापुर बाबा माझा नगर क्षेत्र में स्थित एक राजस्व ग्राम है। 


जो पहले नगर पालिका फैजाबाद कि सीमा में स्थित रहा उनके बाद नगर पालिका परिषद की सीमा में रहा तथा वर्तमान समय में नगर निगम अयोध्या की सीमान्त स्थित है।कृषि भूमि की ही जमींदारी समाप्त की गई ।


जबकि यह सोती आदि का।मीरापुर दोआबा माझा के नगर क्षेत्र में होने के कारण इस ग्राम की जमींदारी उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश व भू - सुधार अधिनियम नहीं समाप्त हुई है ।


नगर क्षेत्र में स्थित ग्रामों की मात्र कृषि भूमि की ही जमींदारी समाप्त की जायेगी तथा अकृषि भूमि जैसे बंजर परती , रेता सोती आबादी आदि का स्वामित्व जमीन का ही रहेगा।


ग्राम मीरापुर दोआबा के मांझा में अभी कृषि क्षेत्र के सीमांकन कार्यवाही भी पूर्ण नहीं हुई है तथा पूर्व में कृषि क्षेत्र के सीमाकंन सम्बन्धी सभी कार्यवाही को राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश इलाहाबाद से पारित आदेश अपर आयुक्त फैजाबाद ने 1977 में निरस्त कर दिया है।

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