रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। सरयू (घाघरा) के जलस्तर में हो रही वृद्धि पर विराम लग गया है।
मगर बाढ़ से प्रभावित गांवों में दुश्वारियों का दौर शुरू हो गया है। शनिवार को घाघरा नदी के जलस्तर में गिरावट आनी शुरू हो गई।
जिससे अब बांध के लिए खतरा शुरू हो गया है। सरयू नदी का घटता जलस्तर बांध के लिये खतरा उत्पन्न कर सकता है।
हालांकि शनिवार को भी घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 65 सेंटीमीटर ऊपर रहा।
शनिवार से पानी का डिस्चार्ज भी कम होने लगा है। गिरजा, शारदा व सरयू बैराजों का कुल डिस्चार्ज 3 लाख 95 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया। घटते पानी के चलते संभावित खतरे को देखते हुए बाढ़ खण्ड के अधिकारी बांध पर जमीन हुए हैं।
करनैलगंज क्षेत्र के नकहरा के 16 मजरों से करीब छह सौ परिवार बांध पर शरण लिये हुए है। 12 बाढ़ पीड़ितों को लइय्या, चना व तिरपाल का वितरण किया गया।
68 परिवारों को राहत सामग्री का वितरण किया गया। शनिवार को एडीएम सुरेश कुमार सोनी, एसडीएम हीरालाल व राजेश श्रीवास्तव आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया।
बाढ़ पीड़ितों के लिए मिलने वाली सभी सुविधाओं को पहुंचाने का निर्देश दिया। इसके अलावा एडीएम ने कहा कि गांव में जितनी भी नावें लगाई गई हैं।
यदि किसी भी नाविक द्वारा सैर सपाटा करते हुए या अनावश्यक लोगों को बैठा कर नाव चलाते देखा जाएगा तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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