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जनप्रतिनिधियों के उदासीनता का शिकार है पौराणिक स्थल सकरौरा घाट

रजनीश/ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। क्षेत्र के पौराणिक स्थल सकरौरा घाट पर वर्षों से कार्तिक पूर्णिमा पर मेले का आयोजन होता आ रहा है।


फिर भी यह घाट सरकारी सुविधाओं से वंचित है। यहाँ के मंदिर जर्जर हो चुके है। जिसका कोई भी पुरसाहाल नहीं है। जो जनप्रतिनिधियों की घोर उदासीनता को दर्शाता है।


 मां सरयू के तट पर बसे इस पौराणिक घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन सैकड़ों श्रद्धालु सरयू नदी में डुबकी लगाते हैं। कोई सुविधा नहीं होने से लोग मायुस हो जातें हैं। जबकि लोगों का मानना है कि इस तट पर स्नान करने पर महत्वपूर्ण फल मिलता है। क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों से लोग इस पवित्र घाट पर आकर स्नान करते हैं तथा अपने को पूण्य के भागी समझते हैं।



 कार्तिक पूर्णिमा के इस महापर्व पर लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं। इस वर्ष भी सकरौरा घाट पर आगामी 19 नवम्बर को 501 दीपक जलाकर दीपदान किया जायेगा। 



जिसको लेकर बुधवार को अधिशासी अभियंता खंड प्रथम डेनेज खंड एवम् ब्लाक के माध्यम से सगरा एवम् सीढ़ियों की सफाई के साथ ही परिसर की सफाई की गई।



 जानकारी देते हुए भाजपा के मुकेश कुमार वैश्य ने बताया कि यज्ञशाला एवम् धर्मशाला को रंगाई पुताई नगर के सहयोग से हो रही है।



 उन्होंने बताया कि इस पुण्य कार्य मे नगर के श्रीराम सोनी, कन्हैया लाल वर्मा,बृजेश शर्मा, लक्ष्मी चन्द्र, आशीष गिरी, अर्चित पांडेय, आशीष सोनी,आलोक वैश्य, कंचन गुप्ता, राकेश कुमार सिघानिया, अशोक सिंहघानिया, अमित सिंघानिया, संजय गुप्ता, राम आशीष, प्रागदत प्रधान, प्रेम चन्द, जगदीश जोशी, शिव कुमार, कबीर जोशी, सहित अन्य लोग शामिल होंगें।

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