इस मंदिर के महंत मनमहेशदास ने कहा कि वह एक निर्मल छवि के उच्च कोटि के धार्मिक ज्ञाता रहे। उन्होंने इस मंदिर का काफी विकास किया। हम उनके बताए हुए पद चिन्हों पर चलकर मंदिर का सर्वांगीण विकास कर रहे हैं। इस दौरान अयोध्या के अन्य सन्त महन्त ने भी उनके प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस दौरान विराट भंडारे का आयोजन हुआ। जिसमें पूरी अयोध्या के हजारों संत महंत व शिष्यगण आदि शामिल रहे। मंदिर के महंत मनमहेशदास ने सभी को दक्षिणा भेंटकर स्वागत सम्मान किया।
इस कार्यक्रम में महंत रामकुमारदास, पुजारी व पार्षद रमेशदास, शिष्य अशोक ठाकुर, लड्डूलाल, सत्य प्रकाशदास, सुभाषदास, सुप्रसिद्ध कथा वाचक विमलदास जी महाराज, ऋतुराज, पार्षद संजय पांडेय, महंत उत्तमदास सहित अन्य शामिल रहे।
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