बी पी त्रिपाठी
गोण्डा:महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति अभियान, जागरूकता और साहस का प्रतीक है, जिसके तहत महिलाओं को त्वारित न्याय देने की प्राथमिकता निचले पायदान से ही अनिवार्य है किन्तु अक्सर ऐसे परिवार मिल ही जाते हैं। जिन्हें स्थानीय थानों से निराश हो कर जिले के उच्चाधिकारियों को अपनी पीड़ा सुनानी पड़ती है।
इसी तरह क्षेत्रीय पुसिल की लचर कार्य प्रणाली से निराश एक माँ ने सोमवार को गोंडा के पुलिस अधीक्षक सन्तोष कुमार मिश्रा से मिल कर अपनी बेटी को इन्साफ दिलाने के लिए गुहार लगाई है।
बस्ती जिले से आईं इंद्रावती पत्नी मिश्री लाल ने शिकायती पत्र में कहा है गोंडा जिले के थाना वजीर गंज क्षेत्र में स्थित नगवा गाँव में उमेश चन्द्र पुत्र रवि सोनी के साथ दो वर्ष पूर्व उनकी बेटी का विवाह हुआ था।
विवाहोपरांत से ही बेटी का ससुर उसका शारीरिक शोषण करना चाहता था, विफलता की खीझ में अतिरिक्त दहेज के लिए स्वयं भी दबाव बनाता एवं अपने पुत्र को भी दूकान खोलने के लिए रूपये मांगने को कहता था।
इंद्रावती ने बताया की उनकी बेटी ने उमेश चन्द्र सोनी पर छेड़छाड़ करने अथवा मायके से मिले जेवर बर्तन बेच देने का आरोप लगाते हुए वजीर गंज पुलिस से शिकायत भी किया था किन्तु मामले कार्यवाही करने के बजाय बरगला कर सुलह नामा लिखवा दिया गया।
पति की गैर मौजूदगी में बेटी अपने को असुरक्षित महसूस करती थी इसलिए वो शिकायती दिनांक से ही मायके चली गयी, उधर उमेश चन्द्र में चालाकी दिखाते हुए परिवार न्यायालय में रुखसती दाखिल कर दिया।
लेकिन उनकी बेटी को मायके से लाने बाप बेटे में से कोई नही आया, दो वर्षो से बेटी अपने मायके रह रही है, न्याय के लिए कई बार शिकायत की गयी किन्तु कोई सुनवाई नही हुयी, थक हार कर उन्हें अपनी बेटी को इन्साफ दिलाने के लिए बस्ती से गोंडा आना पड़ा।
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