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करनैलगंज में अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक देवी हेमलता शास्त्री ने राष्ट्र प्रेम एवं राष्ट्रभक्ति को जागृत करते हुए हिंदुओं के संगठित होने पर दिया बल

रजनीश / ज्ञान प्रकाश

करनैलगंज(गोंडा)। करनैलगंज के सरयू तट स्थित कटरा घाट पर चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव में श्रीराम कथा के आठवें दिन राष्ट्र कथा का आयोजन हुआ।


जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक देवी हेमलता शास्त्री ने राष्ट्र प्रेम एवं राष्ट्रभक्ति को जागृत करते हुए हिंदुओं के संगठित होने पर बल दिया। 

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इस मौके पर भारत माता के जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान व पूरा पांडाल तिरंगा मय हो गया। 


कथावाचक ने कहा कि भगवान श्रीराम भी किसी कार्य को करने के पहले भगवान की आराधना करते थे। 


इसलिए कोई भी काम करने के पूर्व भगवान की आराधना करना चाहिए। सारे काम भगवान पर छोड़ दो पूर्ण हो जाएगा। अगर कोई बलवान है तो बल का प्रयोग करने के पहले उसे सोंचना चाहिए। 


अगर निवेदन करने से बात बने तो आग्रह करना भगवान राम से सीखो। जैसे समुद्र देवता से भगवान श्रीराम ने तीन दिन तक आग्रह किया। उसके बाद जब भगवान ने बाण उठाया तब समुद्र देवता प्रकट हुए। 


शक्ति का सदुपयोग करना, शक्ति को संभालना चाहिये। भगवान श्रीराम शक्तिशाली थे मगर शक्ति का उपयोग नही करते थे। समय आने पर करते थे। 


देवी हेमलता ने कहा कि जब हम संगठित हो जाएं तो कोई भी कार्य असम्भव नही है।जब तक बिखरे रहोगे, संगठित नही रहोगे तबतक तोड़े जाओगे।



इस भारत वर्ष में कोई भी कमी नही पर लोग संगठित नही है यह कमी है। भगवान को लंका जाना था तो बानर सेना संगठित हुई थी। हम तो इंसान है। 


धर्म, परम्परा जातियों के नाम से बंटे न रहो, हमारी एक ही जाति केवल हिन्दू हैं। भारत एक ऐसा देश है जहाँ  के लोग यहां की मिट्टी को माथे पर लगाते हैं। अगर आप हिन्दू हैं तो आपके घर पर भगवा ध्वज लहराना चाहिए। 


माथे पर तिलक हो , द्वारे पर गौ होनी चाहिए। राम नाम का प्याला होना चाहिए शराब का प्याला नहीं।भारत की धरती ने दुनिया को जीवन जीने की सीख दी है। आज हम अपना गौरवशाली अतीत भूल चुके हैं। 


जो राष्ट्र भक्त नहीं हो सकता वो राम भक्त नहीं हो सकता। कथावाचक द्वारा शहीद सैनिको की गाथा सुनकर 

सभी की आंखे नम हो गई। तेरी मिट्टी में मिल जावां, गुल बनके खिल जांवा, खेतों में लहराना, बस इतनी सी है दिल की आरजू। संगीत पर लोग जमकर थिरके। 


हेमलता ने कहा जिस व्यक्ति को जो काम मिला है उसे पूरी ईमानदारी से करे वही सच्ची देशभक्ति है। हर माता अपने पुत्रों को संस्कार, आहार, विचार देकर लवकुश बनाये यही देशभक्ति है। मोक्ष के दो ही तरीका है अष्टांग योग धारण करके अपने परमात्मा को ध्यान करे। या पूरी तरह से भारत माता के प्रति समर्पित हो जाय तो उसे परमधाम मिलता है। उन्होंने हिन्दू एकता पर बल दिया। 


इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कथावाचक को सम्मानित किया। कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी। 


मोहित पांडेय, अरुण कुमार वैश्य, नेहा सिंह जिला पंचायत सदस्य, अशोक सिंघानिया, डॉ.जेपी राव, सन्तोष जायसवाल, मुकेश सोनी, महेश गुप्ता, समीर गुप्ता, विवेक सिंह जिला पंचायत सदस्य, पराग दत्त गुप्ता, शिवकुमार बाथम, पप्पू रस्तोगी, राजू रस्तोगी, चन्द्रशेखर गोस्वामी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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