किसानों की समस्याओं से बेफिक्र मिल प्रबंधन
कमलेश जायसवाल
खमरिया खीरी:ऐरा चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति के लिए आने वाले सैकड़ो किसान खुले आसमान के नीचे सर्द राते गुजारने के लिए विवश है।लेकिन मिल प्रबंधन किसानों की इस बड़ी समस्या के प्रति उदासीन बना हुआ है।
हालांकि गन्ना यार्ड में किसानों के लिए बना किसान विश्रामालय पर मिल के सुरक्षा कर्मचारियों का कब्जा है।बावजूद ज़िम्मेदार किसानों की दुर्दशा देखकर तमाशबीन बने हुए है।
ऐरा चीनी मिल में मिल गेट पर भारी अव्यस्थाओं के बीच गन्ना लेकर आने वाले किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। किसान गन्ना यार्ड में खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए मजबूर है।
इसका मुख्य कारण मिल में लगने वाली जाम बनी हुई है। बीती रात मिल गन्ना यार्ड में किसानों के बीच पहुचीं अमृतविचार की टीम को देख बेबस किसानों ने अपना दुखड़ा बया किया।
किसानों ने बताया कि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। मिल कर्मचारी जैसे तैसे अपना उल्लू सीधा कर कई कई दिनों तक किसानों के गन्ना भरे वाहन यार्ड में खड़े करवाकर मनमाने तरीके से तौल करवा रहे है।
इस बीच किसानों ने बताया कि यार्ड में जलभराव व भरे कीचड़ में अपने वाहन खड़े कर 24 से 40 घंटे तक वाहन की तौल नहीं हो पाती।
इस दौरान समिति द्वारा जारी गेट पर्ची की तौल डेट निकलने से भी किसानों की परेशानियां दोगुनी हो जाती है। बावजूद पीड़ित किसानों को देखने वाला कोई नहीं है।
ऐरा चीनी मिल में सर्द हवाओं से बचाव करने हेतु किसानों के लिए एक विश्रामालय बनवाया गया था।जिसमें मिल के सुरक्षाकर्मियों ने अपना कब्जा कर रखा है।जबकि किसान पूरी रात सर्दी में इधर उधर घूमते देखे जा सकते है।
चहारदीवारी न होने से गन्ने के साथ साथ डीजल व मवेशी चोरी होने का डर
चीनी मिल में बने गन्ना यार्ड में चारों ओर चारदीवारी बनी न होने के चलते पूर्व वर्षों की भांति इस बार भी किसानों में वाहनों से गन्ना डीजल व मवेशी चोरी होने का डर सता रहा है।
यह डर उस वक्त ओर दुगुना हो जाता है जब यार्ड में लगे सुरक्षाकर्मी यार्ड की लाइनों में डियूटी न कर इधर उधर डियूटी कर समय व्यतीत करने में लग जाते है। जिसकी वहज से मिल यार्ड के इर्द गिर्द सक्रिय गन्ना,डीजल,मवेशी चोरों को चोरी करने का अवसर न मिल जाये इसके लिए भी किसान अपने गन्ने के साथ साथ वाहनों से डीजल व मवेशी को चोरों से बचाने के लिए खुले आसमान के नीचे वाहन पर हो लेट बैठकर रात गुजारने को विवश है।
गन्ना पर्ची की डेट निकलने से बिचौलिए उठा रहे फ़ायदा
चीनी मिल में गन्ना लेकर आ रहे किसानों ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी समस्या उस समय जन्म लेती है जब समिति से जारी गन्ना तौल पर्ची पर पड़ी तारीख़ के हिसाब से यार्ड में गन्ना लेकर आने के बाद यहां दो दो दिनों तक जब उनके वाहन की तौल नहीं होती और पर्ची की डेट निकलते ही उसकी पीडी बन्द कर दी जाती है।
जिसकी वजह से उनकी पर्ची पर उनके ही गन्ने की तौल न करने को कहा जाता तो मजबूरन मिल यार्ड में सक्रिय पर्ची विक्रेताओं से मोटी रकम देकर उनकी पर्ची खरीदकर गन्ना तुलवाना पड़ रहा है।
किसानों के कहने के अनुसार मिल के आस पास गन्ना माफ़िया सक्रिय होकर गन्ने की पर्चियां बेंचकर किसानों की खून पसीने से तैयार फसल को वहीं औने पौने दामों पर खरीदकर लाखों कमा रहे है। इस सब के पीछे कहीं न कहीं गन्ना समिति व चीनी मिल भी जिम्मेदार है।
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