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धौरहरा कस्बा ही नहीं है धौरहरा विधानसभा का हिस्सा,परशीमन में हुई खामीं का नतीजा भुगत रहे कस्बे वासी

आयुष मौर्य 

धौरहरा खीरी ।2008 में हुए परशीमन के बाद धौरहरा कस्बे का धौरहरा विधानसभा में न होना चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनेगा। 


कस्बे के नाम से विधानसभा व लोकसभा सीट होने के बाद भी धौरहरा कस्बे के निवासी धौरहरा सीट के बजाय निघासन विधानसभा के लिए विधायक चुनने को मतदान करते हैं । 


कस्बे के निवासियों द्वारा कई बार धौरहरा को धौरहरा में ही करने का मुद्दा उठाया गया पर स्थित जस की तस बनी हुई है । जिससे कस्बे के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।


बीते 2008 में लोकसभा चुनाव के पहले चुनाव आयोग ने धौरहरा क्षेत्र का परशीमन करवाया था । परिशीमन के दौरान अधिकारियों ने धौरहरा कस्बे को निघासन का हिस्सा बना दिया । 


धौरहरा के नाम से विधानसभा की सीट आजादी के बाद से ही थी । जबकि परशीमन के बाद सीतापुर के कुछ हिस्सों को मिलाकर धौरहरा लोकसभा सीट का सृजन किया गया था । 


धौरहरा कस्बे को निघासन विधानसभा में जोड़ दिए जाने से कस्बे के मतदाताओं को सूची आदि में नाम आदि बढ़वाने के लिए निघासन जाना पड़ता है । 


वहीं  निघासन के जनप्रतिनिधि भी धौरहरा कस्बे के लोगों पर भी कम ही ध्यान देते हैं। जबकि अन्य मतदाताओं की तरह ही धौरहरा के मतदाता भी अपना जनप्रतिनिधि चुनते हैं । 


लेकिन परशीमन में हुई खामियों के चलते धौरहरा कस्बा निघासन विधानसभा में जोड़ दिए जाने का खामियाजा कस्बे की भोली भाली जनता को भुगतना पड़ता है ।

आन्नद किशोर मिश्र निवासी कस्बा धौरहरा।
" परशीमन की खामियों का खामियाजा हम लोगों को भुगतना पड़ रहा है । धौरहरा के नाम से विधानसभा होने के बाद भी कस्बे के लोग निघासन का विधायक चुनते हैं । चुनाव आयोग को चाहिए कि कस्बे को धौरहरा विधानसभा में ही शामिल करे ।

राजेन्द्र कुमार दीक्षित "पप्पू" 

" धौरहरा कस्बे का न तो निघासन विधायक विकास करते हैं और न ही धौरहरा विधायक । कस्बा निघासन का हिस्सा होने के चलते जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का शिकार है । कस्बे को निघासन से हटाकर धौरहरा विधानसभा में शामिल किया जाना चाहिए ।"

  


अनूप कुमार मिश्र 

" 2008 में हुए परशीमन के दौरान चुनाव अधिकारियों की उदासीनता की वजह से धौरहरा कस्बे को निघासन विधानसभा का हिस्सा बना दिया गया। निघासन से धौरहरा कस्बे की दूरी अधिक होने के चलते कोई भी जनप्रतिनिधि धौरहरा के विकास पर ध्यान नहीं दे रहा है ।

समलिया प्रसाद मिश्र सेवानिवृत्त शिक्षक निवासी कस्बा धौरहरा  


" धौरहरा के नाम से लोकसभा व विधानसभा होने के बाद भी धौरहरा को परशीमन के दौरान निघासन का हिस्सा कर दिया जाना अत्यन्त खेदजनक है । कस्बा निघासन में होने के चलते कोई भी जनप्रतिनिधि कस्बे के विकास की तरफ ध्यान नहीं देता है । जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि कस्बे को धौरहरा का हिस्सा बनवाने का प्रयास करें ।"


सुदीप निगम ( सिप्पू)  निवासी कस्बा धौरहरा 
"परशीमन के दौरान धौरहरा कस्बे को निघासन विधानसभा में जोड़ दिया जाना अत्यन्त गलत है । कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद भी कस्बे को धौरहरा में न किया जाना कस्बा वासियों के साथ छलावा है । जनप्रतिनिधि कस्बे वासियों का सिर्फ उपयोग करते हैं और फिर भूल जाते हैं। कस्बे को धौरहरा में ही शामिल किया जाना चाहिए ।"


वरुण यशपाल चौधरी सपा नेता 


" परिशीमन के दौरान कस्बे को अलग कर धौरहरा को बांटने का काम किया गया है । परशीमन के दौरान आमजनमास की सुविधा का ध्यान नहीं रखा गया है । विधानसभा को सीतापुर , बहराइच जिले के गांवों सहित निघासन विधानसभा के गांवों को मिलाकर धौरहरा लोकसभा व विधानसभा सीट बना दी गई है जबकि कस्बा विधानसभा का केन्द्र बिन्दु होने के बाद भी विधानसभा से अलग है । 


जो परशीमन करने वालों की त्रुटि है इसमें सुधार किया जाना चाहिए ।"

बाला प्रसाद अवस्थी, विधायक धौरहरा 


" धौरहरा कस्बा ही धौरहरा विधानसभा व लोकसभा का हिस्सा न होना दुर्भाग्य पूर्ण है भविष्य में परशीमन के दौरान कस्बे को धौरहरा विधानसभा व लोकसभा में शामिल करवाने का प्रयास किया जाएगा ।"


विनोद शंकर अवस्थी ( विनोद धौरहरा ) सदस्य प्रदेश कार्यसमिति भाजपा


" परशीमन के दौरान कस्बे को विधानसभा व लोकसभा से अलग कर दिया जाना खेदजनक है । 


धौरहरा कस्बे को लोकसभा व विधानसभा में शामिल किए जाने हेतु प्रयाश किए जा रहे हैं । अधिकारियों द्वारा भविष्य में होने वाले परशीमन के दौरान धौरहरा कस्बे को विधानसभा व लोकसभा में शामिल किए जाने का आश्वासन दिया जा रहा है।"


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