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गोण्डा:भाजपा की साजिश को कामयाब नहीं होने देगी कांग्रेस : जैनुल आब्दीन

संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और सेक्युलर शब्द जोड़ने के लिए देश इंदिरा गांधी का ऋणी है

44 वीं वर्षगांठ पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने मदरसों में आयोजित किया कार्यक्रम


ए. आर. उस्मानी

गोण्डा। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने संविधान के प्रस्तावना में 42 वां संशोधन करके समाजवाद और सेक्युलर शब्द जोड़ा था, जो 3 जनवरी 1977 से अमल में आया। 

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आज वंचित तबक़ों और अल्पसंख्यक वर्गों को जो भी अधिकार हासिल हैं, वो इंदिरा गांधी के इस क़दम की ही देन हैं। आज भाजपा संविधान से इन्हीं शब्दों को हटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस इस साज़िश को कभी सफल नहीं होने देगी। 

  

उक्त बातें सोमवार को अल्पसंख्यक कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष जैनुल्लाब्दीन खान ने प्रेस कांफ्रेंस में कही। इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों, सामंती और सांप्रदायिक शक्तियों की मंशा को भांप कर ही देश की एकता और अखंडता को बचाने के लिए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान की प्रस्तावना में ये शब्द जोड़े थे, जिसे संसद भी बदल नहीं सकती। 


यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी केशवानंद भारती केस और एसआर बोम्मई केस में स्पष्ट कर दिया है कि संविधान की प्रस्तावना में भारतीय लोकतंत्र के मूल तत्व निहित हैं, जिसे किसी भी स्थिति में बदला नहीं जा सकता। आज पूरा देश इंदिरा गांधी जी के इस योगदान का ऋणी है। 

        

मदरसे में आयोजित कार्यक्रम में युवाओं को आज के दिन, संविधान में सेक्युलर और समाजवाद शब्द शामिल किये जाने के महत्व पर लोगों को जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया गया। 


संविधान की प्रस्तावना का सस्वर पाठ कर मौजूद युवाओं ने संविधान के मूल्यों को हर क़ीमत पर बचाने का संकल्प लिया।

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