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प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती, इस युवा ने किया सिद्ध

वासुदेव यादव

अयोध्या।प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती, अयोध्या के एक युवा ने इसका उदाहरण देते हुए इंग्लिश में अपनी तीसरी किताब लिख डाली। 


20 वर्षीय युवा की लिखी किताब का विमोचन अयोध्या राजघराने में एक साधारण समारोह में सम्पन्न हुआ। 


हल्लुसिनेशन्स नामक इस किताब का विमोचन अयोध्या राजा व श्री राम जन्म भूमि निर्माण समिति के ट्रस्टी विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र द्वारा किया गया। 


अयोध्या के रानोपाली निवासी शिक्षक द्वारिकाधीश उपाध्याय के 20 वर्षीय बेटे वैभव उपाध्याय की लिखी किताब हल्लुसिनेशन्स के विमोचन कार्यक्रम में साकेत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ प्रदीप खरे, साहित्यकार यतीन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, प्रोफेसर ललित मोहन पांडेय, डॉ डी एन द्विवेदी, शिक्षाविद अरुण ओझा, डॉ अर्पण मिश्रा, बद्रीनाथ उपाध्याय, डॉ रमाकांत उपाध्याय, सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। 


अपने संछिप्त उदबोधन में साहित्यकार यतीन्द्र मिश्रा ने कहा कि आप जो भी लिखो उसे खुद पढ़ो जब आपको पसंद आ जाए तब उसे पब्लिश करने की सोचना चाहिए। 



उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि अयोध्या में एक ऐसा प्रतिभाशील युवा है जिसने मात्र 20 वर्ष में ही तीन किताबों को लिख चुका है।  


हल्लुसिनेशन्स नामक पुस्तक के लेखक वैभव उपाध्याय ने बताया कि हल्लुसिनेशन्स उस विचार और भावनाओं को पारदर्शित करता है जो एक मानव मस्तिष्क में है। 



ये एक काव्य पुस्तक है जिसमें भावनाएं और लचीले विचार शामिल हैं। कुलमिलाकर वैभव उपाध्याय द्वारा लिखी इस किताब के विमोचन समारोह में शामिल सभी विशिष्ट जनों ने खूब सराहना करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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