करनैलगंज नगर से जुड़ी ग्राम पंचायत सकरौरा ग्रामीण एजुकेशन हब बनने के साथ नगर के रूप में विकसित हो रही है।
हर तरफ प्लाटिंग व मकान व दुकानों का निर्माण तेजी से हो रहा है। वहीं इस ग्राम सभा में सरकारी भूमि भी भूमाफियाओं ने नही छोड़ी है।
ग्राम सकरौरा ग्रामीण में खलिहान, बंजर, जलमग्न और ग्राम समाज के साथ तालाब की भूमि कहाँ गुम हो गई। इसका जबाब राजस्व अधिकारियों के पास नही है।
भूमाफियाओं ने सरकारी जमीनों को भी प्लाटिंग कर करोड़ों में बेंच दिया और प्लाट काटने के बाद उसे बेंचने के लिए जगह जगह दुकानें सजी हुई हैं।
सकरौरा ग्रामीण में प्लाट खरीदने की लोगों में होड़ भी लगी है। जमीन की खरीद फरोख्त व विक्री करने वाले दलालों की फौज लोगों को बहका फुसला कर जमीनों का सौदा कर रहे हैं।
जबकि लोगों को यह नही पता कि यह भूमि खतौनी में क्या है। प्लाट के रूप में जमीनों की विक्री हो रही है।
करीब दो दर्जन से अधिक लोग जमीन की प्लाटिंग व विक्री करने के काम में लगे हैं। ग्राम सकरौरा ग्रामीण में सरयू डिग्री कॉलेज, आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज, मत्स्य शोध संस्थान, आईटी कॉलेज के साथ-साथ कृषि महाविद्यालय की स्थापना होने से यह ग्राम पंचायत एजुकेशन हब के रूप में विकसित हो रही है।
जिसका फायदा उठाने के लिए भू माफिया भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दो किलोमीटर की एरिया में खेती योग्य भूमि कहीं दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रही है।
लोग प्लाटिंग करने में लगे हुए हैं और जो प्लॉट बिक रहे हैं उस पर निर्माण तेजी से चल रहा है। मजे की बात यह है कि इस ग्राम पंचायत में खलिहान, बंजर, तालाब, जलमग्न व ग्राम समाज की भूमि दूर-दूर तक नक्शे से गायब हो चुकी है।
भू माफियाओं द्वारा उसके अगल-बगल की भूमि को खरीद कर उन सरकारी जमीनों को भी बराबर करके प्लाटिंग का काम तेजी से चलाया जा रहा है।
जमीन के खरीदारों को गाटा संख्या या खतौनी के आधार पर नहीं बल्कि प्लाट संख्या के आधार पर जमीन की बिक्री कर दी जाती है और लोग भू माफियाओं के झांसे में आकर फंसते जा रहे हैं।
सकरौरा ग्रामीण से संबंधित प्लाटिंग को जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने गंभीरता से लेते हुए उप जिला अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं।
उप जिलाधिकारी हीरालाल का कहना है कि राजस्व निरीक्षक और लेखपाल को पूरे ग्राम पंचायत में सरकारी जमीनों को चिन्हित करने और उस पर अवैध अतिक्रमण को हटाने के साथ-साथ काबिज लोगों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
यदि किसी के द्वारा गलत तरीके से सरकारी जमीनों के प्लाटिंग की गई है तो उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा कर कार्रवाई करते हुए भू माफिया बनाने की भी कार्रवाई होगी।
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