Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

मनकापुर सीएचसी बना दलालों का अड्डा, सीएचसी के भीतर भी चल रहे है दो निजी क्लीनिक

गोण्डा:बड़े मिया तो बड़े मिया छोटे मिया सुभान अल्लाह, यह कहावत स्वास्थ्य मक़हकमे में तैनात चिकित्सक डॉ रविश और डॉ डी के भाष्कर पर सटीक बैठती है। 



शायद इन्हें सरकार द्वारा दिये जाने वाला पारिश्रमिक कम पड़ रहा है जिससे यह चिकित्सक अपने आवासों को परामर्श कक्ष में तब्दील कर पैसे कमाने में जुटे रहते है।

   

    बताते चले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर में वर्षो से तैनात चिकित्सक डॉ डीके भाष्कर का सरकारी आवास दूसरी मंजिल पर है। 


जहां वे वर्षो से लगातार घर पर मरीजो को देखने के लिए मशहूर थे। लेकिन लगभग दो वर्ष पूर्व मनकापुर सीएचसी में तैनात हुए चिकित्सक डॉ रवीश को उनकी यह कमाई राश नही आई और वे भी आनन फानन में अपने आवास के बरामदे को क्लिनिक का रूप देने में जुट गए। 


यह नही डॉ रवीश ने तो बरामदे में एक कुर्सी मेज रख कर सामने पारदर्शी मोटा प्लास्टिक लटका कर बेहतर रूप दे डाला।


 जिससे निजी प्रेक्टिस में डॉ भाष्कर डॉ रवीश से पीछे हो गए है।हालांकि डॉ डीके भाष्कर की भी निजी प्रेक्टिस में लगे है ।

  

डॉ रवीश के आवास पर लगती है भारी भीड़ 

बताते चले डॉ भाष्कर का आवास दूसरी मंजिल पर होने के कारण आने वाले नए मरीजों को उनके आवास का अंदाजा नही लग पाता है जो मरीज उन्हें जानते है वही उनके पास तक पहुचते है। 


वही डॉ रवीश का स्थलीय आवास का बरामदा पारदर्शी प्लास्टिक से सुसज्जित होने के कारण चिकित्सीय परामर्श कक्ष के रूप में तब्दील है जिससे आने वाले नए मरीज डॉ रवीश के पास ही पहुचते है।


सेटिंग-गेटिंग की लिखते है दवाइयां

 डॉ रवीश व डॉ डीके भाष्कर द्वारा मरीजों को लगातार जेनिरिक दवाइयां के साथ साथ भारी भरकम जांच कराया जाता है। 


जिससे मरीजों को सरकार के द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा है।


आवासों व अस्पताल में जमे रहते है दलाल

डॉ अस्पताल में हो या आवास पर दलालों से घिरे रहते है। मौजूद दलाल इन चिकित्सकों की खिदमत के साथ-साथ डॉ द्वारा जांच लिखते ही मरीजों को अपने मनपसंद पैथोलॉजी लैब तक पहुचाते है जहाँ से डॉ साहब को प्रतिदिन के जांच के एवज में मोटी रकम बतौर कमीशन मिल जाती है।


अस्पताल के टाइम पर ही लग जाती है मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की भीड़

आये दिन दोपहर बाद मनकापुर अस्पताल में स्थित डॉ रवीश व डॉ भाष्कर के कक्ष में मौका मिलते है लुभावने दवाओं का नमूना व भारी भरकम गिफ्ट लेकर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव पहुँच जाते है ।


इस दौरान अस्पताल में आने वाले मरीज को डॉ साहब के खाली होने के लिए घण्टों इंतजार करना पड़ता है।


जिम्मेदार का नहीं उठा फोन

इस बाबत जिले के सीएमओ के सीयूजी नंबर पर कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।


बोले जिम्मेदार डिप्टी सीएमओ डॉ एके राय

डिप्टी सीएमओ डॉ एके राय ने दूरभाष पर बताया कि बिना किसी लिखित शिकायत के कार्यवाही नहीं की जा सकती है यदि कोई लिखित शिकायत करता है तो मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।



Tags

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad



 

Below Post Ad

5/vgrid/खबरे