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पक्के मकान का ख्वाब देख रहे लोगों को लगा झटका

इमरान

गोंडा।देश में लगातार बढ़ रही बेतहाशा महंगाई से जहां लोगों की कमर तोड़ दी है,वही अब आशियाना बनाने वालों के ख्वाब भी चकनाचूर हो रहे हैं।


पिछले 20 दिनों में सीमेंट,मौरंग,सरिया, ईंट व अन्य भवन निर्माण संबंधी सामग्री के दाम करीब 30 फीसद तक बढ़ गयी है।इसके चलते गरीबों के पक्के घर का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। वहीं महंगाई के कारण प्रधानमंत्री आवास अधूरे पड़े हैं।


पीएम आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लाभार्थी को एक लाख 20 हजार रुपये और शहरी क्षेत्र में ढाई लाख रुपये दिए जाते हैं।


लेकिन अब बढ़े दामों के चलते इस रकम में नींव और दीवार तो खड़ी हो रही है,लेकिन छत नहीं पड़ पा रही है। 


बिल्डिंग मटेरियल सामग्री जैसे सीमेंट,सरिया, मौरंग,बालू की महंगाई के कारण निर्माण में समस्या पैदा हो रही है। 15 दिन पहले सरिया की कीमत 6150 रुपये थी,जो अब बढ़कर 8200 रुपये प्रति क्विटल हो गई है। 


वहीं मौरंग 70 रुपये वर्गफुट से बढ़कर 90 रुपये हो गया है।ए ग्रेड ईंट की कीमत पिछले महीने छह हजार प्रति हजार थी,जो अब सात हजार पार पहुंच गई है।



क्या कहती है जनता


सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना चलाकर गरीबों को छत की व्यवस्था की है। निर्माण सामग्री संबंधी सामानों की कीमत आसमान छूने से आशियाने का ख्वाब पूरा नहीं हो पा रहा है।

सुषमा,तुलसीपुर


सरकार से मिलने वाली आवास की रकम से दीवार तक का काम हो पाया है। छत की ढलाई के लिए एक लाख रुपये की जरूरत है। दो साल कोरोना के चलते कमाई का जरिया भी बंद हो गया है। पति घर पर बैठे हैं। ऐसे में भवन निर्माण संबंधी सामग्री में बेतहाशा महंगाई पक्के घर के अरमानों पर पानी फेर रही है।

कुसुम,फिरोजपुर


भवन निर्माण सामग्री के दामों में बढ़ोतरी का कारण रूस-यूक्रेन युद्ध का असर माना जा रहा है। 15 दिनों में सरिया का रेट 30 फीसद बढ़ गया है। उम्मीद है कि सरिया के दाम अभी और बढ़ेंगे।

राजू सिंह,कारोबारी



अचानक बड़े भवन निर्माण सामग्रीयों के दामों से अब तो ऐसा लगता है की पक्के मकान बनना आसान नही है,एक तो खाने पीने के सामान के रेट वैसे भी बढ़ रहे हैं ऊपर से इन चीज़ों के बढ़े दाम लोगों पर बुरा असर डाल रही है।

श्रवण कुमार,मनकापुर

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