तरबगंज गोण्डा :गर्मी का सीजन शुरू होते ही अग्नि देव का तांडव शुरू हो जाता है। एक गांव में अज्ञात कारणों से लगी आग से जहां एक 6 माह के मासूम बेटी आग में झुलस जाने के कारण तड़प तड़प कर इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
वही एक घर से लगी आग ने देखते ही देखते तीन घरों को अपने आगोश में ले लिया। जिससे तीन घरों के लाखों के गृहस्थी के सामान जलकर खाक हो गए।
तरबगंज थानाक्षेत्र के पिपरी रोहुआ गाँव में अज्ञात कारणों से आग लग जाने के कारण जहां तीन घरों की गृहस्थी जलकर खाक हो गयी।
वही घर में सो रही 6 माह की मासूम बेटी आग की चपेट में आने के कारण जलकर गम्भीर रूप से घायल हो गयी। जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई ।
प्रतिवर्ष गर्मी का सीजन शुरू होते ही आग का तांडव शुरू हो जाता है।
40 लाख की आबादी की आग से सुरक्षा राम भरोसे
जिले की 40 लाख आबादी के सुरक्षा का जिम्मा सिर्फ एक फायर स्टेशन व सीमित संसाधनों के भरोसे चल रहा है।
स्टाफ की कमी संसाधनों का भाव के कारण फायर विभाग अपनी जिम्मेदारी का ठीक ढंग से निर्वहन नहीं कर पा रहा है। जनपद के सभी तहसीलों में फायर स्टेशन की औपचारिक स्थापना है।
लेकिन संसाधनों का टोटा है। ऐसी स्थिति में जनपद वासियों को करोड़ों रुपए की संपत्ति वह जान माल का नुकसान प्रतिवर्ष भोगना पड़ता है।
तरबगंज थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पिपरी रोहुआ के मजरे खुदे पुर में शनिवार की देर शाम अज्ञात कारणों से आग लग गई जिसमें तीन घरों की गृहस्थी संपूर्ण रुप से जलकर खाक हो गई।
बताया जाता है कि आग लगने के बाद घर में सो रही एक 6 माह की बच्ची की भी बुरी तरीके से झुलने से उसकी मौत हो गई।
ग्रामीणों के अनुसार अज्ञात कारणों से लगी आग में शोभाराम, शिवराम व माता प्रसाद की गृहस्ती पूरी तरीके से जलकर खाक हो गई।
शाम का समय होने के कारण घर के अधिकतर लोग खेतों में काम करने के लिए गए हुए थे। तभी आग की लपटें उठने लगी और देखते ही देखते आग ने शोभाराम व शिवराम सहित माता प्रसाद के घर को अपने जद में ले लिया। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने किसी तरीके से आग पर काबू पाया।
इस दौरान घर में सो रही छः माह की एक बच्ची की गंभीर रूप से झुलसने के कारण उसकी मौत हो गई।
सूचना पर पहुंची डायल 112 की टीम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर आग को फैलने से रोकने में मदद की तथा किसी तरीके से ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया।
लेकिन जब तक आग पर काबू पाया जाता तब तक तीन घरों की पूरी गृहस्थी जलकर खाक हो गई, इन घरों के लोगों के पास पहने हुए कपड़ों को छोड़कर बाकी कुछ भी नहीं बचा।
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