दिनेश कुमार
गोण्डा:मनकापुर सीएचसी पर मानीटरिंग की कमी से आये दिन लोग या तो दम तोड दे रहे हैं। अथवा तत्काल रेफर कर दे रहे हैं।
सीएचसी मनकापुर का बुरा हाल है। दवाइयं अधिकतर बाहर की लिखी जाती है। जांच के नाम पर भी दौडाया जाता है।
बुधवार को दोपहर बाद एक बुजुर्ग महिला की एबूलेंस के इतजार में सीएचसी परिसर में ही मौत हो गयी। वही डाक्टर रबीश का कहना है कि तबियत ज्यादा खराब थी।
आक्सीजन की आवश्यकता थी जो नहीं मिल पाया। उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था। बुजुर्ग महिला करोड पति 70 वर्ष को किसान नेता राम गोपाल सिंह इलाज के लिए सीएचसी पर लाये थे। इलाज शुरू हुआ लेकिन हालत खराब होती गयी। रेफर के बाद 108 एंबूलेंस के लिए टोल फ्री नमकबर 108 पर फोन किया गया लेकिन घंटो इंतजार के बाद एंबूलेंस नही आयी।
उधर बेटा परेशान होकर मां को गोद में लेकर प्राइबेट गाडी करने के लिए बाहर ही निकला कि उसकी मौत हो गयी।
इसके बाद जमकर हंगामा हुआ। किसी तरह परिजन शांत हुए। किसान नेता राम गोपाल सिंह का आरोप है कि समय से न तो डाक्टर ने आक्सीजन दिया और न ही समय से एबूलेस पहुंची जिससे उसके रिश्तेदार बुजुर्ग महिला जो रिश्ते में सास लगती थी उनकी मौत हो गयी।
इसकी जांच होनी चाहिये तथा दोषियों पर कार्यवाई होनी चाहिये। डाक्टर एके राय का कहना है कि आक्सीजन की कमी नही है।
वही इलाज कर रहे चिकित्सक डाक्टर रवीश ने बताया की हालत ज्यादा खराब थी आक्सीजन आकस्मिक वार्ड में नहीं था। नहीं तो मैं जरूर लगाता । बुजुर्ग की मौत एंबूलेंस के इंतजार में हुई है।
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