बीपी शुक्ला
मुजेहना गोण्डा:जल ही जीवन है, इस सत्य की महत्ता गर्मी के मौसम में सभी को समझ आ ही जाती है, इसीलिए सरकार और प्रशासन लोगों को स्वच्छ पीने का जल उपलब्ध कराने की दिशा में निर्मल परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर सप्लाई की पाइप लाइने बिछाई गयी हैं, ये परियोजना जिन ग्राम पंचायतों में नही पहुंची है वहां के लिए जिम्मेदारों का प्रयासरत होना भी देखा गया है।
गर्मी में आम जनता के सूखे हलक को शीतन करने के लिए शहरों में, अस्पतालों में, मन्दिर, पेट्रोल पम्प, इत्यादि सार्वजनिक स्थलों पर आर.ओ की ब्यवस्था देखने को मिलती है ।
केवल स्वच्छ जल ही नही बल्कि घरों से निकलने वाला गन्दा पानी बिमारी फैलने की वजह न बन सके इसके लिए सरकार ने सोख्ता बनवाने की योजना भी चलाई है जिसका लाभ भी लोगों ने लिया होगा।
चौंकाने वाली बात है की ऐसी सभी कल्याणकारी योजनाएं जहां से धरातल पर उतारी जाती है जहां बैठ कर ब्लॉक प्रमुख, खण्ड विकास अधिकारी, सचिव, ग्राम प्रधान विकास कार्यों का निर्धारण और संचालन तय करते हैं साथ ही अपनी अपनी फरियाद ले कर आने वाली जनता के कार्यो का सम्पादन सुनिश्चित किया जाता है।
उसी ब्लॉक मुख्यालय में एक अदद इंडिया मार्का हैण्डपम्प खण्ड विकास अधिकारी के कार्यालय के बिलकुल बगल लगा हुआ है, नल के सामने इतनी गन्दी रहती है, इस नल से इकट्ठा होना वाले गन्दे पानी के निदान के लिए एक सोख्ता तक नही बन पाया है, ब्लॉक आने वाले लोग उस नल का पानी पीना स्वास्थ्य के लिए हितकर नही है,
लेकिन आज तक इस अब्यवस्था पर वहां के अधिकारियों की नज़र पड़ी और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने यहां की अब्यवस्था को दूर करने के सम्बन्ध में विचार किया, आखिर करें भी तो क्यों साहब तो मिनिरल वाटर पीते हैं कभी इस नल का गन्दा पानी पीते तो समझ में आता की लोगो को कितनी दिक्कते होती है,
बताते चले की मुख्यालय होने की वजह से क्षेत्रीय पत्रकार, वरिष्ट व आम नागरिक यहां कार्य दिवस में इकट्ठा होते हैं, बढ़ती गर्मी में यहां लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की बोतल का सहारा लेना पड़ता है।
भीषण गर्मी में यहां आर.ओ लगना अथवा गन्दे पानी के निदान के लिए सोख़्ते का निर्माण होना आवश्यक है।
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