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कोरोना से हुई मौतों का सिर्फ मुआवजा न देने के लिए आंकड़े छिपाना निर्लज्जता:प्रमोद तिवारी



गौरव तिवारी

लालगंज प्रतापगढ़। केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य एवं यूपी आउटरीच एण्ड को आर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने देश में कोरोना से हुई लाखों मासूम लोगों की मौत को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा दस गुना के अंतर में आंकड़े छिपाये जाने के रहस्योंद्घाटन को निर्लज्जता करार दिया है। 


श्री तिवारी ने कहा कि पहले से कोरोना से हुई मौतों को लेकर जो चिन्ता और आशंका जताई जा रही थी डब्ल्यूएचओ के आंकडे सामने आने के बाद सरकार का चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो उठा। 



उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कोरोना काल में जिस तरह से देश भर में महज पांच लाख मौतों का आंकड़ा पेश किया और इसके ठीक विपरीत अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिर्पोट केन्द्र सरकार के महज पंाच लाख के आंकड़े के दस गुना अंतर को दर्शाते हुए सैंतालिस लाख भारतीय लोगों की मौत का आंकडा सामने ला चुकी है। 


बकौल प्रमोद तिवारी यह सरकार की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर गया है। सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिर्पोट में स्पष्ट कहा है कि भारत में कोरोना की दूसरी व तीसरी लहर में सैंतालिस लाख लोगों की मौतें हुई हैं। 


ऐसे में जब सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को कोरोना से हुई मौतों को लेकर निराश्रित परिजनों को मुआवजे दिये जाने के निर्देश दिये हैं ।


तब सरकार मुआवजों को दिये जाने की जिम्मेदारी से हाथ खींचने के लिए आंकडो की घटोत्तरी का लज्जाजनक हथकण्डा अख्तियार कर रही है। 


उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इन आंकड़ो में कोरोना काल में गांवों मे बुखार व संास फूलने से हुई उन मौतों का आंकड़ा नही है जिन्हें उनके परिजनों ने अस्पताल में ऑक्सीजन तक मुहैया न होने की स्थिति मे मजबूरी मंे दफना दिया था। 


वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार उन बेकसूर निराश्रित परिवारों के प्रति संवैधानिक जिम्मेदारी से भी अब कतरा रही है जिनके घर से कोरोना के चलते परिवार का कमाऊ सदस्य जीवन से हाथ धो बैठा। 


श्री तिवारी ने कहा कि समूचे देश में कोरोना काल में सरकार की बदइंतजामी के चलते गंगा में तैरती हजारों लाशों तथा कब्रिस्तानों मे एक एक फिट पर मजबूरी में दफन की गयी लाशों के हालात की पीड़ा झेली है। 


श्री तिवारी ने कहा कि इसके बावजूद देश की सरकार अपने ही देशवासियों के साथ महज कोरोना के मुआवजे की अदायगी कम से कम देने की दर्दनाक और दुःखद पैंतरेबाजी के चलते लोगों का दिल अब और दुखा रही है। 


शुक्रवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी बयान में सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने सरकार से कहा है कि वह डब्ल्यूएचओ की रिर्पोट को स्वीकार करे और कोरोना के चलते हुई मौतों को लेकर नैतिकता के तहत निराश्रित परिवारों के प्रति अपनी पूर्ण संवैधानिक जिम्मेदारी का देश के प्रति क्षमायाचना के साथ निर्वहन करे। 


वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर अब बने वहां शांतिपूर्ण माहौल के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे में उनके द्वारा दिये गये बयानों को फिर से गैरजिम्मेदाराना करार दिया है। 


जम्मू कश्मीर में चुनाव कराये जाने की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भी कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि चुनाव की घोषणा स्वागत योग्य है किन्तु केन्द्र सरकार को चुनाव परिसीमन आयोग की प्रक्रिया के स्वरूप को लेकर वही कदम उठाना चाहिये जिससे कश्मीरियों का विश्वास बना रहते हुए वहां लोकतन्त्र की बहाली के साथ विकास मजबूत हो सके।

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