सीएमआई इन के आंकडे पर प्रमोद तिवारी ने मिशन सशक्तीकरण मे विफलता पर बीजेपी पर हुए तल्ख
वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़। केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य एवं यूपी आउटरीच एण्ड को आर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने सीएमआई इन की ताजा रिर्पोट मे देश मे सवा करोड महिलाओं के रोजगार छिनने की रिर्पोट को चिंताजनक करार दिया है।
प्रमोद तिवारी ने सीएमआई इन संस्थान को दुनिया की सबसे विश्वसनीय एवं सर्वमान्य संस्थान करार देते हुए कहा कि उसके द्वारा भारत मे पिछले पांच साल मे एक करोड़ पचीस लाख महिलाओं के रोजगार समाप्त होने के आंकड़े से मोदी सरकार का मिशन सशक्तीकरण का दावा भरभराकर ढह गया है।
उन्होनें कहा कि सीएमआई इन के आंकडे से आई महिलाओं के बेरोजगार होने की सच्चाई मौजूदा मोदी सरकार के लिए उसकी गलत नीतियों के चलते महिलाओं के निशक्तीकरण और हर तरह से हो रहे शोषण से यह साबित हो गया है कि अब बीजेपी को सत्ता मे बने रहने का कोई हक नही रह गया है।
उन्होने कहा कि यह दर्दनाक आंकडा सरकार के लिए शर्मसार होने के साथ समूचे हिन्दुस्तान का भी सिर शर्म से झुक जाने के पीडाजनक हालात बयां कर रहा है।
उन्होने मौजूदा केंद्र की बीजेपी सरकार से एक बडा सवाल उठाते हुए तंज भी कसा कि वह बताये कि पांच साल से ज्यादा आठ साल से देश मे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व मे सरकार काम कर रही है तब ऐसे मे करोड़ो की संख्या मे कामकाजी महिलाओं का बेरोजगार हो जाना आखिर सरकार की मिशन सशक्तीकरण के प्रति सबसे बडी लापरवाही का द्योतक है।
सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण और मेक इन इण्डिया तथा पंूजी निवेश का नारा लगाने वाली बीजेपी सरकार के कार्यकाल मे महिलाओं का इतनी बड़ी संख्या मे बेरोजगार हो जाना यह साबित करता है कि भाजपा के राज में महिलाओं को सबसे बड़ी कमजोरी व शोषण तथा अपमान का कड़वा घूंट पीना पड़ रहा है। उन्होनें कहा कि पचास प्रतिशत आबादी को सुरक्षा तथा रोजगार के क्षेत्र मे उत्पीड़न का कहर महिलाओं के अपमान के साथ मौजूदा केंद्र सरकार के लिए शर्मनाक है।
वही श्री तिवारी ने कहा कि इस रिर्पोट से देश के सामने यह भी सच्चाई पुख्ता हुई है कि सवा करोड महिलाओं के साथ हर साल दो करोड़ का रोजगार देने का मोदी सरकार का दावा अडतालिस वर्षो मे बेरोजगारी का सबसे उच्च रिकार्ड बना गया है।
मंगलवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी बयान मे श्री तिवारी ने कहा कि सत्तर साल का हिसाब मांगने वाले अडतालिस साल की बेरोजगारी के सबसे बड़े सूचकांक पर आखिर आज मौन क्ंयू साधे हैं।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि मंहगाई तथा बेरोजगारी और अराजकता से देश का ध्यान बंटा रहे इसलिए भाजपा सिर्फ सत्ता मे बने रहने के लिए धु्रवीकरण के विकल्प को लेकर विवश भी हो उठी है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ